जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। महामारी एक्ट के लागू होने के कारण जीवीके एंबुलेंस का संचालन करती रही। लेकिन जब भुगतान की बारी आई तो स्वास्थ्य विभाग ने लगभग 60% भुगतान काट लिया। इसके चलते जीवीके आर्थिक संकट में आ गई है।
कई बार की वार्ता के बावजूद जब भुगतान नहीं हुआ तो कंपनी ने तकनीकी रूप से ‘फोर्स मेजर रिलीफ’ के लिए पत्र लिखा है। कंपनी की इस नोटिस को चुनौती देते हुए सरकार ने एंबुलेंस संचालन की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
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उत्तर प्रदेश में चलने वाली 108, 102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस अब स्वास्थ्य विभाग चलाएगा। जीवीके ईएमआरआई कंपनी के एंबुलेंस संचालन से मना करने के बाद यह तैयारियां की जा रही हैं। सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अपर्णा उपाध्याय ने सभी मंडलायुक्त, डीएम, सीएमओ, सीएमएस को पत्र लिखकर एंबुलेंस संचालन की तैयारियों के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
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जीवीके ईएमआरआई 108 सेवा की 222, 102 सेवा की 2270 और 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का संचालन करती है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार जीवीके का एंबुलेंस संचालन का लगभग 250 करोड़ रुपये बकाया है। कोरोना काल में एंबुलेंस संचालन के लिए सही दिशा- निर्देश न होने के कारण यह स्थिति आई है। उस दौरान सीएमओ स्तर से आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस का संचालन किया गया।
बताया जा रहा है सीएमओ एंबुलेंस सेवा के संचालन व रखरखाव के लिए एक नोडल अधिकारी एंबुलेंस सेवा नामित करेंगे, जो एसीएमओ स्तर के होंगे। नोडल अधिकारी अधीन एक फॉर्मासिस्ट, एक टेक्नीशियन, एक फ्लीट प्रबंधक और एक समन्वयक एंबुलेंस सेवा प्रबंधन दल कार्य करेंगे।
जबकि जीवीके से तीनों प्रकार की एंबुलेंस को लेने के लिए जिलाधिकारियों को तीन सदस्यीय समिति का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें नोडल अधिकारी एंबुलेंस सेवा, एक टेक्नीशियन और एक सड़क सुरक्षा अधिकारी होगा।
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