प्रीति सिंह
यह सौ फीसदी सही है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका के आने से सियासी तापमान बढ़ गया है। दो दशक से गर्त में जा रही कांग्रेस पार्टी में जान आ गई है। विपक्षी दल कितना भी दिखाए कि प्रियंका के आने से कोई फर्क नहीं पड़ा है लेकिन अंदरखाने बेचैनी है। प्रियंका के एक-एक गतिविधि पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
सबसे ज्यादा यदि किसी चीज की पड़ताल की जा रही है तो वह है उनके चुनाव लड़ने को लेकर। प्रियंका चुनाव लड़ेंगी या नहीं यह हर कोई जानना चाहता है। पिछले दो दिन प्रियंका अमेठी और राय बरेली में थी और वहां उन्होंने चुनाव लड़ने के संकेत दिए। प्रियंका ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि वाराणसी से चुनाव लडूं क्या? फिर क्या इसके सियासी मायने निकाले जाने लगे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत देकर राजनीतिक दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है। सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है कि यदि प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ती है तो निश्चित ही वहां चुनावी जंग होगी। बनारस में मोदी बनाम प्रियंका की लड़ाई तय है। फिलहाल जब तक औपचारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं होती तब तक सिर्फ कयास ही हैं।
पार्टी कहेगी तो जरूर लड़ूंगी चुनाव : प्रियंका
मालूम हो कि कांग्रेस महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका इन दिनों तीन दिनों के उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं। बुधवार को जब प्रियंका से मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा कि क्या आप चुनाव लड़ेंगी तो उनका कहना था कि अभी उन्होंने इस बारे में सोचा नहीं है।
फिर पूछा गया कि क्या वो चुनाव लड़ सकती हैं तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं, पार्टी कहेगी तो चुनाव जरूर लड़ूंगी। प्रियंका के इस बयान के बाद कयास लगने लगे थे कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। किस सीट से लड़ेंगी इस पर भी चर्चा होने लगी थी।
प्रियंका ने वाराणसी का नाम लेकर बढ़ाया सियासी तापमान
उत्तर प्रदेश के दौरे के दूसरे दिन गुरुवार को प्रियंका पूरे दिन अपनी मां सोनिया गांधी के क्षेत्र रायबरेली में रहीं। रायबरेली में प्रियंका कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रही थीं। इसी दौरान कांग्रेस के उत्साहित कार्यकर्ताओं ने प्रियंका गांधी से कहा आप चुनाव लड़िए। इससे पूरे पूर्वांचल में पार्टी के हक में जबरदस्त हवा बनेगी। इतना सुनते ही प्रियंका गांधी ने हल्के-फुल्के अंदाज से कहा कि वाराणसी से लड़ जाऊं क्या? प्रियंका का इतना कहना था कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश दोगुना हो गया और वो प्रियंका गांधी जिंदाबाद के नारे जोर-शोर से लगाने लगे। उसके बाद से एक नया राजनीतिक समीकरण उभरने लगा।
पहले ही थी चर्चा कि प्रियंका को मोदी को घेरने के लिए वाराणसी से उतार सकती है कांग्रेस
प्रियंका गांधी के लगातार दो दिन से चुनाव लड़ने और वाराणसी का नाम लेने से सियासी माहौल बदल गया है। सबसे दिलचस्प है कि प्रिंयका ने खुद पीएम के संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की बात कही है। दरअसल प्रियंका गांधी को जब पूर्वी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई और उन्हें महासचिव बनाया गया तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस पीएम मोदी को घेरने के लिए प्रियंका गांधी को काशी से उतार सकती है।
प्रियंका के आने से यूपी में राजनीतिक लड़ाई बन रही है त्रिकोणीय
जब तक प्रियंका गांधी पूर्ण रूप से राजनीति में नहीं आई थी तब तक चुनाव में कांग्रेस की दावेदारी में कोई दम नहीं था। लेकिन प्रियंका के आने के बाद से यूपी की तस्वीर बदल गई। इधर कुछ दिनों से प्रियंका लगातार उत्तर प्रदेश में सक्रिय है और उनकी सक्रियता से कांग्रेस की दावेदारी भी बढ़ रही है। वह लगातार कार्यकर्ताओं से मिल रही हैं और उनका जोश बढ़ा रही है।
इतना ही नहीं प्रियंका लोकसभा के साथ-साथ 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी तैयार कर रही है। प्रियंका की सक्रियता से विपक्षी खेमे में भी बेचैनी बढ़ी है। ऐसे में यदि वह वाराणसी सीट से पीएम मोदी के खिलाफ लड़ती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। और तो और प्रियंका के ऊपर सीएम योगी के गढ़ पूर्वांचल की जिम्मेदारी है।
वाराणसी दौरे में प्रियंका को मिला था अपार जनसमर्थन
कुछ दिनों पहले जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी गंगा रास्ते बनारस गई थी तो उन्हें वहां अपार जनसमर्थन मिला था। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ-साथ जनता ने भी शानदार इस्तकबाल किया था। वहां का सियासी तापमान बढ़ गया था। फिलहाल बनारस से चुनाव लडऩे की बात कहकर प्रियंका ने वहां का सियासी तापमान तो बढ़ा ही दिया है, साथ ही बीजेपी खेमे की चिंता भी बढ़ा दी है।