न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में पिछले साल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार से पूछा गया था कि क्या जज लोया की कथित संदिग्ध मौत की जांच होगी? इस सवाल के जवाब में पवार ने उस समय स्पष्ट कर दिया था कि जज लोया के मामले की जांच संभव है।
फिलहाल इस मामले में उद्धव सरकार के मंत्री ने कहा है कि अगर राज्य सरकार को पर्याप्त सबूतों के आधार पर कोई शिकायत मिल जाती है तो उनकी कथित संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच पर सरकार विचार करेगी।
मुंबई में एक बैठक के दौरान मंत्री नवाब मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगर पर्याप्त सबूतों के साथ कोई शिकायत मिल जाये तो सरकार न्यायधीश बी एच लोया मामले को पुन: खोलने पर विचार करेगी।
वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी संकेत दिया है कि अगर इस मामले में शिकायत लेकर कोई आता है तभी सरकार कोई कदम उठा सकती है।
यह भी पढ़ें :उद्धव ठाकरे से क्यों नाराज हुए शरद पवार
यह भी पढ़ें : छात्रों ने बीजेपी सांसद को क्यों बनाया बंधक
मालूम हो कि शिवसेना नेतृत्व वाली सरकार में एनसीपी के मंत्रियों की चार घंटे तक बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने की थी। उन्होंने कहा था कि अगर शिकायत में कोई सबूत मिले तो ही इस मामले की जांच की जाएगी। बिना वजह कोई जांच नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि गुजरात के सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवायी कर रहे जज लोया की एक दिसंबर 2014 को उस समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी जब वह अपने एक साथी की बेटी की शादी में शरीक होने गये थे।
जज लोया की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। कोर्ट ने भी माना था कि 1 दिसंबर 2014 को लोया की प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हो गयी थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने मामले की एसआइटी जांच की मांग खारिज कर दी थी।
यह भी पढ़ें :घूस में देने के लिए पैसे नहीं थे तो भैंस लेकर पहुंची महिला
यह भी पढ़ें :जबरा ट्रंप की धमकावली