जुबिली स्पेशल डेस्क
कोरोना का जिसका नाम सुनते ही अब डर लगने लगता है। पिछले कुछ सालों से कोरोना ने बहुत तबाही मचायी है। कोरोना को रोकने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया। लॉकडाउन तक लगाया गया। इसके बावजूद कोरोना का कहर खूब टूटा। तबाही ऐसी जो पल भर में लोगों की जिंदगियों को निगलता रहा।
कोरोना महामारी की शुरुआत के दौरान ही एक्सपर्ट्स ने साफ कर दिया था ये अब जिंदगी भर आपके साथ रहेंगा यानी ये कभी नहीं खत्म होने वाली बीमारी है।
कोरोना वायरस हमेशा अपना रूप बदलता रहेगा। अब भी दुनिया के कई देशों में कोरोना के कहर टूट रहे हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों की कोरोना वायरस से मौत भी हो रही है।
हालांकि अब कोरोना पूरी तरह से काबू में हैं और इसका कहर कम देखने को मिल रहा है लेकिन अब कोरोना को लेकर एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई जिसको सुनकर आपके होश उड़ जायेगे। दरअसल पता चला है कि अब पानी में कोरोना वायरस मिला है।
पिछले एक महीने में कोरोना के नए वेरिएंट के 9 अलग-अलग सीक्वेंस मिले हैं. हाल ही में WHO ने 17 अगस्त को कोरोना के BA.2.86 को निगरानी में रखा था। यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका के रीजन से इस वेरिएंट के 9 अलग-अलग सीक्वेंस मिले हैं। हालांकि इस वेरिएंट से किसी तरह की मौत की खबर नहीं है लेकिन थाईलैंड और स्विट्जरलैंड में पानी में BA.2.86 कोविड वेरिएंट पाया गया है। हालांकि ये वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग है. यानी कोरोना का ऐसा प्रकार जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन पानी में इसके पाए जाने के बाद सावधानी बरती जा रही है।एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना का नया वेरिएंट दो देशों में पानी में मौजूद पाए जाने के बाद निगरानी बढ़ा दी गई है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 1 महीने में कोरोना के 15 लाख नए केस, 2000 मौतें सामने आई हैं।हालांकि इस वेरिएंट से किसी तरह की मौत की खबर नहीं है लेकिन थाईलैंड और स्विट्जरलैंड में पानी में BA.2.86 कोविड वेरिएंट पाया गया है।
हालांकि ये वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग है. यानी कोरोना का ऐसा प्रकार जो ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन पानी में इसके पाए जाने के बाद सावधानी बरती जा रही है।