न्यूज डेस्क
मध्य प्रदेश की सियासत में रार बढ़ गई है। अब तो खुली चुनौती दी जा रही है। चुनौती खेल खत्म करने की है। बीजेपी के सामने चुनौती है कांग्रेस के खेल को खत्म करने की और कांग्रेेस के सामने है बीजेपी के मंसूबों को नाकाम करने की। एमपी में यह खेल कितने दिन चलेगा ये तो आने वाला वक्त बतायेगा, लेकिन इतना तो तय है कि यहां भी कर्नाटक का दूसरा पार्ट शुरु होने जा रहा है।
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस के खेल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एमपी में कांग्रेस ने खेल शुरू किया है और उसे खत्म बीजेपी करेगी। उन्होंने अब साफ कर दिया है कि मध्य प्रदेश में सियासी संग्राम छिडऩे वाला है। यह संग्राम सत्ता के लिए होगी। इसमें न तो शुचिता की परवाह की जायेगी और न ही नैतिकता की।
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कर्नाटक में करीब तीन हफ्ते तक चले सियासी नाटक के बाद अब मध्य प्रदेश में उसी नाटक को दोबारा खेलने की तैयारी हो रही है। कर्नाटक में येदियुरप्पा नेे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। अब मध्य प्रदेश में बिगुल बज चुका है। कर्नाटक के बाद अब सबकी निगाहे मध्य प्रदेश पर टिकी हुईं हैं। बीजेपी के कदम का सबको इंतजार है, क्योंकि बीजेपी लगातार सरकार गिराने की धमकी दे रही है।
शिवराज की नाराजगी कितनी जायज
शिवराज सिंह बीजेपी से सख्त नाराज है। उनकी नाराजगी कितनी जायज है उन्हें खुद कर्नाटक और गोवा को देखकर सोचना चाहिए। दरसअल कर्नाटक में कुमार स्वामी सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी के नेता यह दावा कर रहे थे कि ऊपर वाले का आदेश मिलते ही वह कांग्रेस सरकार गिरा देंगे। शिवराज सिंह ने भी इशारों-इशारों में सरकार गिराने की बात कही थी। उसी वक्त सीएम कमलनाथ ने उन्हें जोर का झटका दिया।
भारतीय जनता पार्टी के 2 एमएलए नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने एक बिल पर पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर कांग्रेस सरकार का साथ दिया। और तो और दोनों विधायकों ने कमलनाथ के नेतृत्व में आस्था जताते हुए कांग्रेस में शामिल होने का संकेत दिया। इसके अलावा, एमपी सरकार के करीबी कंप्यूटर बाबा ने तो यह तक दावा कर दिया कि बीजेपी के 4 अन्य विधायक भी उनके संपर्क में हैं।
बागियों के पार्टी में आने की सुगबुगाहट से कांग्रेस में बेचैनी
एक ओर बीजेपी के दो विधायकों के कांग्रेस में आने से कमलनाथ खुश है लेकिन कांग्रेस के कई विधायकों में बेचैनी बढ़ गई है। ये विधायक बागी विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी के दोनों बागी विधायकों को ‘आदतन दलबदलू’ करार दिया है। मैहर में जिस कांग्रेस उम्मीदवार श्रीकांत चतुर्वेदी को नारायण त्रिपाठी ने हराया था, उन्होंने भी अपनी नाखुशी जाहिर की है। चतुर्वेदी ने कहा कि नारायण त्रिपाठी 8 बार पाला बदल चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव से महज 2 दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।
शिवराज सिंह चौहान ने दिखाए तेवर
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार बीएसपी और अन्य पार्टियों के समर्थन से चल रही है। कांग्रेस ने हमसे कुछ सीटें ज्यादा पाई थीं फिर भी नैतिकता के आधार पर हमने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गंदी राजनीति शुरु कर दी है और अब इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा। अब कांग्रेस ने गंदी राजनीति करनी शुरू कर दी है और उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ेगा।