न्यूज डेस्क
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भले ही इमरान को राजनीति का लंबा अनुभव हो लेकिन सत्ता में पहली बार काबिज हुए इमरान को शायद ही इसको अंदाजा हो कि सरकार चलाना आसान नहीं होता। कश्मीर मुद्दे पर अलग-थलग पड़े इमरान अब अपने देश में भी अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं।
जी हां, इमरान खान की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पाकिस्तान की मुख्य दक्षिणपंथी पार्टी ‘अक्षम’, इमरान की सरकार गिराने की तैयारी में है और इसमें विपक्ष भी साथ देने को तैयार है।
पाकिस्तान में उपजे आर्थिक संकट के लिए अक्षम पार्टी ने वर्तमान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए आजादी मार्च निकालने की घोषणा की है। पार्टी का आरोप है कि इमरान आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान को समस्याओं से बाहर निकाल पाने में असफल हैं।
पाकिस्तान की स्थानीय खबरों के अनुसार, जमियत अलेमा-ए-इस्लाम-फज्ल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फज्लुर रहमान का यह फैसला मुख्य विपक्षी पार्टियों पीएमएल-एन और पीपीपी के फैसले के बाद आया है।
प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए ये दोनों पार्टियां किसी ‘एकल संघर्ष’ के खिलाफ हैं और उन्होंने सभी पार्टियों का एक सम्मेलन बुलाकर सहमत होने का निर्णय लिया है। जेयूआईएफ के प्रमुख ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों ने 25 जुलाई का चुनाव खारिज कर दिया था और ताजा चुनावों की मांग की थी।
जमीयत उलेमा ए इस्लाम-फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह सरकार फर्जी चुनावों का परिणाम है। हम डी-चौक पर इकट्ठा होंगे। हम वे लोग नहीं हैं जो जिन्हें आसानी से तितर-बितर किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां इस बात पर सहमत हैं कि नए सिरे से चुनाव कराए जाएं ताकि पता चल सके कि किसे वास्तविक जनादेश हासिल है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि वह अकेले आगे बढ़ रहे हैं। फजलुर ने कहा कि उनकी पार्टी अन्य सभी पार्टियों के साथ संपर्क में है और उनके साथ सलाह मशविरा करके ही फैसले ले रही है।
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