- राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा-लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं मोदी-शाह-अशोक
- राजस्थान में 3 सीटों के लिए 19 जून को होना है राज्यसभा चुनाव
जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ सालों में भारतीय राजनीति में ‘रिसार्ट राजनीति’ और ‘हॉर्स ट्रेडिंग’ खूब सुनने को मिल रहा है। पिछले एक साल में कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गोवा की सियासत में यह शब्द खूब गूंजे। अब एक बार फिर राजस्थान और गुजरात से ऐसी ही खबरें आ रही है। वजह राज्यसभा का चुनाव है।
राजस्थान में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। कांग्रेस के निशाने पर मोदी-शाह हैं। कांग्रेस खेमे में काफी आपाधापी का माहौल है। कांग्रेस अपने विधायकों की निगरानी में जुटी हुई है।
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पिछले कई दिनों से कांग्रेस ने बीजेपी पर हमलावर है। वह बड़े-बड़े आरोप बीजेपी पर लगा रही है और बीजेपी उसके आरोपों को नकार रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की हॉर्स ट्रेडिंग नहीं हुई थी इस वजह से राज्यसभा चुनाव टाल दिए गए और अब चुनाव देरी से कराए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी-शाह लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।
राजस्थान में 3 सीटों के लिए 19 जून को राज्यसभा का चुनाव होना है। इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो और भाजपा के दो उम्मीदवार मैदान में हैं। एक सीट पर जीत के लिए 51 वोट की जरूरत है। मौजूदा समीकरण के अनुसार दो सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत पक्की है, लेकिन सियासी गलियारे में कुछ और ही खिचड़ी पक रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आरोप है कि बीजेपी की तरफ से कांग्रेस के विधायकों को खरीदने के लिए 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है। राजस्थान में 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं। वहीं भाजपा के पास 72 विधायक हैं। 14 निर्दलीय व सीपीएम के दो विधायक हैं। आरएलपी के भी तीन विधायक हैं।
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विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर कांग्रेस डरी हुई है। उसे डर है कि कहीं कहीं उसके विधायक बीजेपी को वोट न दे दें। इसीलिए मुख्यमंत्री गहलोत लगातार बीजेपी पर हमला कर रहे हैं।
राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायकों की बैठक के बाद सीएम गहलोत ने मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के चुनाव दो महीने पहले हो सकते थे, तैयारी हो गई थी। उसके बावजूद अचानक चुनाव को बिना कारण के स्थगित कर दिया गया क्योंकि बीजेपी की होर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी।
गहलोत ने कहा कि उनको (मोदी-शाह) चिंता ही नहीं थी कोरोना की, राहुल गांधी ने 12 फरवरी को आगाह कर दिया था। उसके बावजूद भी मध्य प्रदेश में सरकार बदली गई। उसके पहले ये कर्नाटक में तमाशा कर चुके थे, जो षड्यंत्र करते हैं उनको बहुत टाइम लगाना पड़ता है योजना बनानी पड़ती है।