न्यूज डेस्क
दिल्ली दंगे के बाद स्थिति को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार ने आनन-फानन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल को जिम्मेदारी दी। डोवाल को दी गई जिम्मेदारी को लेकर एक पत्रकार ने दावा किया है कि दिल्ली दंगे के दौरान पीएम मोदी और शाह के बीच मतभेद भी दिखा था।
एक वरिष्ठ पत्रकार अनिता कात्याल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दिल्ली दंगों के बाद उपजी स्थिति को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी एनएसए अजीत डोवाल को दिया जाना केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए एक झटका माना जा रहा है।
दिल्ली पुलिस पर आरोप है कि दंगों के दौरान उसे नियंत्रित करने के लिए उसने अपेक्षित तत्परता नहीं दिखाई। दिल्ली पुलिस की नाकामी की वजह से सवाल गृह मंत्री पर भी उठ रहा है, क्योंकि दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर गृहमंत्री को रिपोर्ट करती है।
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वरिष्ठ पत्रकार अनिता कात्याल ने न्यू इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख में दावा किया है कि दिल्ली दंगे को जिस तरह से दिल्ली पुलिस द्वारा हैंडल किया गया, उससे प्रधानमंत्री मोदी खुश नहीं हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति को जल्द सामान्य करने के लिए एनएसए अजीत डोवाल को इसकी जिम्मेदारी सौंपी।
लेख के मुताबिक, इस बात से अनुमान लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी और कैबिनेट में उनके करीबी सहयोगी अमित शाह के बीच मतभेद उभरे हैं। अमित शाह दिल्ली दंगों को लेकर अपने आलोचकों के निशाने पर हैं।
आलोचकों का कहना है कि दिल्ली में बैठे शाह ने अब तक दंगा प्रभावित क्षेत्र का दौरान नहीं किया है, जबकि दिल्ली चुनाव के दौरान गली-गली वोट मांगने गए थे। कांग्रेस नेताओं ने तो अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर दी है।
वरिष्ठ पत्रकार कात्याल का यह भी कहना है कि, डोवाल को दंगे शांत करने की जिम्मेदारी देने से मोदी और शाह दोनों को फायदा हो सकता है। डोवाल को पीएम मोदी का करीबी माना जाता है और यही वजह है कि पीएम ने अपनी ग्लोबल स्टेट्समैन की छवि को बचाने के लिए अजीत डोवाल को यह जिम्मेदारी सौंपी, ताकि स्थिति पर तुरंत नियंत्रण किया जा सके।
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