अविनाश भदौरिया
‘लव मैरिज’ को लेकर मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इस वक़्त जमकर बहस हो रही है। ये चर्चा शुरू हुई एक वीडियो के वायरल होने के बाद इस वीडियो में एक लड़की ने अपने पिता और परिवार पर आरोप लगाया कि उनको अपने परिजनों से जान का खतरा है।
दरअसल इस लड़की ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ घर से भागकर एक युवक से शादी कर ली थी। मामला चर्चित हुआ और अब इस पर सोमवार सुबह 11 बजे इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
इसी बीच एक और वीडियो सामने आया है, यह मामला है उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का। इस वीडियो में भी एक लड़की अपनी मर्जी से शादी करने की बात कह रही है। वीडियो में लड़की कहती है- ‘मेरा नाम अनामिका है। मेरे पिता जी का नाम विजेंद्र गिरी है। मेरे घर वाले मेरी शादी कहीं और करना चाहते थे। लेकिन मैंने और मगन सिंह ने शादी कर ली है।’
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हालांकि, पिता ने कहा है कि बेटी को टॉर्चर करके जबरन बयान दिलवाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस पिता ने धमकी दी है कि बेटी वापस आ जाओ नहीं तो मैं मुसलमान बन जाऊंगा।
इन दोनों ही मामलों में वैसे तो कई भिन्नताएँ हैं लेकिन एक बात जो कॉमन है वह यह कि, एक ओर बालिग बच्चे हैं जो अपनी शादी का फैसला अपने हिसाब से लेना चाहते हैं और दूसरी हैं एक माता-पिता जिन्होने अपने बच्चों को अपने खून से सींचा और बड़ा किया अब वही बच्चे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और प्यार की परवाह किए बिना फैसले ले रहे हैं।
सच तो यह है कि ये सिर्फ दो मामले नहीं है ऐसे लाखों मामले हैं जो हर घर और हर परिवार में हैं। यह कोई छोटी समस्या नहीं है बल्कि यह एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान जिद से या ताकत से संभव नहीं। ऐसे मसलों पर तमाशा बनाना और बनना भी ठीक नहीं।
ये भावनाओं और रिश्तों का मसला है इसलिए इसका समाधान हर एक परिवार को खुद ही ढूंढना है। नहीं तो ओनर किलिंग और झूठी शान के लिए जिंदगियों की बलि यूं चढ़ती रहेगी और हंसते-खेलते परिवार बिखरते रहेंगे…