जुबिली न्यूज डेस्क
जम्मू के सांबा सेक्टर में रविवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा के नीचे सुरक्षा बलों को एक सुरंग मिली है। बताया जा रहा है कि इसी सुरंग के रास्ते 18 नवंबर की रात में चार घुसपैठिए पाकिस्तान से भारत में आए थे।
जम्मू और कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने इस सुरंग का पता लगाया है। पुलिस के डीजीपी का कहना है कि नागरोटा में मारे गए चरमपंथी इसी सुरंग से भारत में आए थे।
अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने जम्मू पुलिस के डीजीपी के हवाले से लिखा है कि इसका इस्तेमाल भारत में उन चरमपंथियों को भेजने के लिए किया गया था जो नागरोटा में गुरुवार को मारे गए थे।
इस ऑपरेशन में पुलिस के साथ बीएसएफ भी थी। बीएसएफ के अनुसार यह सुरंग 150 मीटर लंबी और तीन फीट चौड़ी है।
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द हिंदू को अखबार को जम्मू के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बताया, “हम जैश के उन आतंकवादियों के भारत में घुसने के रास्ते को जानने के लिए उत्सुक थे। हमने तकनीकी विवरण समेत सभी सूचनाओं को एक साथ रखा। वो सभी उनके पसंदीदा सांबा सेक्टर की ओर इशारा करते हैं। काफी मशक्कत के बाद पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) ने साथ मिल कर एनकाउंटर के केवल 76 घंटे बाद ही सुरंग ढूंढ निकाली। यह सुरंग पाकिस्तान के चकबुरा पोस्ट से शुरू होती है।”
डीजीपी ने यह भी कहा कि 18 नवंबर की रात को भारत में आए चार घुसपैठियों ने इसका ही इस्तेमाल किया था।
पुलिस महानिदेशक ने कहा, “(मारे गए चरमपंथियों से) हमें जो कुछ भी मिला, फोन जूते, दवाइयां सभी पर पाकिस्तान के बने हुए थे। यहां तक की सुरंग को कवर करने के लिए बनाई गई रेत की बोरियां भी पाकिस्तान में ही निर्मित थीं। लिहाजा इस मामले में पाकिस्तान के झूठ बोलने की गुंजाइश ही नहीं है।”
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