जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। आकाशीय बिजली की चपेट में आने से बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम तो करा दिया लेकिन परिजनों को स्वास्थ्य विभाग ने शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया।
मजबूरन परिजनों को मोटर साइकिल पर शव को लादकर मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर गांव ले जाना पड़ा। सोमवार को हुई इस घटना ने इंसानियत को शर्मसार करने के साथ- साथ स्वास्थ्य महकमे के दावों की पोल खोलकर रख दी है।
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के सुरवल गांव के किशोर का पुरवा में रविवार को पानी से बचने के लिए पिता समेत दोनों बच्चे कच्चे घर के ऊपर पन्नी डाल रहे थे। तभी तेज बारिश के साथ अचानक आकाशीय बिजली गिर गयी, जिससे मौके पर ही एक बेटे सुशील की मौत हो गयी।
काफी देर तक जब शव वाहन का इंतजाम नहीं हुआ तो परिजन मजबूरन मोटर साइकिल में शव को लाद कर जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर सुरवल गांव चले गये।
मृत सुशील तीसरी कक्षा का छात्र था। पिता और एक अन्य पुत्र गंभीर रूप से घायल हो गये जिन्हें ग्रामीणों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापुर में भर्ती कराया। दोनों का अभी भी इलाज चल रहा है। राजापुर थाना पुलिस ने शव का पंचनामा आकर पोस्टमार्टम के लिए मर्चरी भिजवाया था। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बच्चे के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग से शव वाहन की मांग की गई।
सीएमओ डॉ. राजेंद्र सिंह की माने तो वह लखनऊ मीटिंग में आये हुए हैं। चित्रकूट पहुंचकर मामले की जांच कराएंगे और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्यवाई की जायेगी।
जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय का कहना है कि मृत सुशील के परिजनों को दैवीय आपदा के तहत 4 लाख का मुआवजा देने के निर्देश दिये गये हैं। शव वाहन न मिलने के मामले की जांच कराई जायेगी।