जुबिली न्यूज डेस्क
यूक्रेन पर रूस के हमले का आज चौदहवां दिन है। यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस का नियंत्रण नहीं हो पाया है। रूस और यूक्रेन की सेना के बीच लड़ाई जारी है तो वहीं, अमेरिका ने रूस से तेल और गैस आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वहीं इस सबके बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अब वो नाटो की सदस्यता पर “जोर नहीं दे रहे हैं”।
जानकार इसे यूक्रेन के रवैये में बड़ा बदलाव मान रहे हैं। लेकिन रूस की इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमेरिकी मीडिया संस्थान एबीसी न्यूज से बातचीत में कहा, “मैं इस विषय पर काफी पहले ही शांत हो चुका हूं, जबसे मुझे समझ में आ गया कि…नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि नाटो “विवादास्पद चीजों से और रूस से सीधा भिड़ जाने से डरा हुआ है।”
दरअसल रूस की यूक्रेन से मांगों में से नाटो सदस्यता की ख्वाइश को छोड़ देना एक प्रमुख मांग रही है, इसलिए जेलेंस्की के इस बयान को रूस के लिए उनकी तरफ से एक बड़ा इशारा माना जा रहा है।
जेलेंस्की ने किया रूस को दो इशारे
इसके साथ ही जेलेंस्की ने रूस को एक इशारा और दिया। उन्होंने कहा कि वो डोनिएस्क और लुगांस्क के दर्जे को लेकर भी “समझौते” पर विचार कर सकते हैं।
डोनेत्स्क और लुहांस्क रूस की सीमा से सटे यूक्रेन के ही दो इलाके हैं जहां कई सालों से अलगाववादी आंदोलन चल रहा था।
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रूस ने 21 फरवरी को इन इलाकों को स्वतंत्र गणराज्यों के रूप में मान्यता दे दी थी और उसके बाद वहां अपने सैनिकों को “शांति सेना” के रूप में भेज दिया था। इसके तुरंत बाद ही यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत हुई थी।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की दो प्रमुख मांगें रही हैं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने का इरादा छोड़ दे और डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दे।
दोनों इलाकों के बारे में कहते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, “मैं बातचीत के लिए तैयार हूं-हम समर्पण के लिए तैयार नहीं हैं…हम बातचीत के जरिए इस पर किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं कि इन इलाकों का क्या दर्जा होगा।”
जेलेंस्की का बयान यूक्रेन के रुख में बड़ा बदलाव है और यूक्रेन की तरफ से रूस के लिए समझौते का बड़ा संदेश है। हालांकि रूस ने जेलेंस्की के बयान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।