न्यूज डेस्क
प्रियंका ने बनारस से चुनाव क्यों नहीं लड़ा इसको लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं हुई थी। सबने अपने-अपने हिसाब से आंकलन किया लेकिब आज प्रियंका ने खुद स्थिति साफ कर दी।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में वाराणसी से चुनाव न लडऩे के पीछे की वजह बताई है। उन्होंने कहा है कि अगर वह वाराणसी से चुनाव लड़तीं तो वह सिर्फ वाराणसी तक ही सीमित रह जातीं, जबकि उनका काम पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश का है।
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘देखिए चुनाव में बहुत काम है। अगर मैं वाराणसी से लड़ती तो वाराणसी तक सीमित रहती, जबकि मेरा काम पूर्वी यूपी में उससे कहीं ज्यादा है। हर उम्मीदवार चाहते हैं कि मैं उनके लिए जाकर प्रचार करूं, मैं उन्हें निराश भी नहीं करना चाहती। मैंने शुरू से कहा था कि जो पार्टी निर्णय लेगी, वही करूंगी। अगर वो चाहते मैं लड़ूं तो मैं लड़ती, ना चाहती तो मैं नहीं लड़ती।’
प्रियंका ने कहा कि ‘मैंने बहुत बार कहा था कि मैं बहुत खुश होउंगी अगर मुझे पूर्वी उत्तर प्रदेश का सिर्फ काम करने दे। मैं अपने लिए थोड़े ही राजनीति में आई हूं। मेरा काम संगठन को मजबूत बनाना है। यहां कांग्रेस का संगठन कमजोर है, हमें मजबूत बनाना है।
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उन्होंने कहा मेरी रणनीति बिलकुल स्पष्ट है। 2019 में बीजेपी को यहां से हराना, यूपी से हराना। उन्होंने कहा कि बीजेपी यूपी में बुरी तरह पीछे जाएगी, बहुत बुरी तरह हारेगी। ये बिलकुल स्पष्ट है कि यहां हमारे उम्मीदवार अच्छा लड़ रहे हैं।
कांग्रेस की रणनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस लोकसभा क्षेत्र में उम्मीदवार मजबूत हैं, वहां कांग्रेस जीतेगी। जहां हमारे उम्मीदवार थोड़े हल्के हैं, वहां हमने ऐसे उम्मीदवार दिए हैं, जो बीजेपी का वोट काटे। कांग्रेस बीजेपी का वोट काटेगी।’
गौरतलब है कि वाराणसी से कांग्रेस पार्टी ने पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा है। हालांकि, इससे पहले चर्चा थी कि प्रियंका गांधी पीएम मोदी को वाराणसी से टक्कर देंगी, मगर अंत में कांग्रेस ने फैसला लिया कि प्रियंका गांधी को चुनाव में न उतारा जाए।