जुबिली न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष के बाद चीन के सरकारी प्रोपेगैंडा अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने दोनों देशों के संबंधों को लेकर एक सर्वे कराया। इस सर्वे के परिणाम से यह पता चला है कि चीनी लोगों ने अपने नेताओं के एक्शन से खुश नहीं है। सर्वे में करीब 51 फीसदी चीनी लोगों ने भारत की मोदी सरकार की प्रशंसा की है।
यही नहीं, सर्वे में यह भी कहा गया है कि रूस, पाकिस्तान और जापान के बाद भारत चीन का ‘मोस्ट फेवरेबल’ देश है, लेकिन 90% चीनी लोगों को लगता है कि भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए। सर्वेक्षण में 70 फीसदी चीनी लोगों ने कहा कि भारत में चीन विरोधी सोच बहुत ज्यादा है।
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वहीं 30 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरेंगे। 9 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें लगता है कि कम अवधि में संबंधों में सुधार होगा। वहीं 25 फीसदी लोगों का मानना था कि लंबी अवधि में संबंधों में सुधार होगा।
चीन विवादों में चल रही टेक कंपनी हुवावे भारतीयों को लुभाने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रही है। हुवावे बड़े- बड़े विज्ञापन दे रही है। हुवावे ने कहा कि वह भारत के प्रति प्रतिबद्ध है और पिछले 20 साल से भारत में काम कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत हुवावे के उपकरणों को चरणबद्ध तरीके से हटाना चाहता है।
बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने कथित रूप से हुवावे पर बैन लगाने की बजाय टेलिकॉम कंपनियों को संकेत दिया है कि वे चीनी कंपनी से दूर रहें। हुवावे पर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में पूरी तरह से बैन लग गया है। यही नहीं न्यूजीलैंड में भी हुवावे पर आंशिक बैन लगाया गया है। भारत ने पिछले दिनों गलवान हिंसा के बाद टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर बैन लगा दिया था।
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