जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा अब अपने आखिरी मुकाम पर पहुंचता नजर आ रहा है लेकिन उद्धव ठाकरे इतनी आसानी से हार नहीं मान वाले हैं। इस वजह से उनकी कोशिश जारी है जबकि बागी हो चुके एकनाथ शिंदे लगातार मुश्किल बड़ा रहे है ।
जहां एक ओर सरकार बचाने के लिए पूरी शिवसेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है तो दूसरी ओर बगावती गुट लगातार सरकार को गिराने की फिराक में है। दोनों तरफ से संख्या बल को लेकर अलग-अलग दावा किया जा रहा है लेकिन ये सच है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार जो रही हैै वो किसी वक्त गिर सकती है। वहीं दोनों तरफ से आरोपों का दौर शुरू हो गया है।
वहीं अब जानकारी मिल रही है उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी को बचाना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी कोशिशे शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि वो पहले अब सरकार से ज्यादा पार्टी को बचाने में जुटे हैं।
दूसरी ओर बागियों को भी सबक सिखाने के लिए उनपर एक्शन लेने वाले हैं। 16 बागी विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर से शिकायत की है। शिवसेना ने 16 बागी विधायकों की सदस्यता को रद्द करने की मांग तक डाली है।
इतना ही नहीं शिवसेना 16 बागी विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी में है और ये नोटिस आज ही भेजा जा सकता है। उद्धव ठाकरे को सरकार से ज्यादा संगठन बचाने की चिंता सता रही है। बागियों से सोमवार तक जवाब मांगा जाएगा। एकनाथ शिंदे के पास 38 विधायक हैं, ऐसे में पार्टी टूट सकती है, इसलिए अब सदस्यता रद्द करवाने की कोशिश हो रही है। ये नाम हैं- एकनाथ शिंदे, प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंतो, महेश शिंदे, अब्दुल सत्तारी, संदीप भुमरे, भरत गोगावाले, संजय शिरसातो, यामिनी यादव, अनिल बाबरी, बालाजी देवदास, लता चौधरी हैं।