न्यूज डेस्क
पिछले कई सालों से प्लाटिक के उपयोग पर बहस चल रही है। आम जीवनचर्या से प्लास्टिक को दूर करने की कवायद भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है, बावजूद इसके प्लास्टिक पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। समय-समय पर ऐसी रिपोर्ट्स भी आई जिसमें आगाह किया गया कि प्लास्टिक कैंसर जैसी बीमारियों का कारक बन रहा है, इसलिए दूरी बनाए। सबसे ज्यादा खतरनाक बोतल बंद पानी को बताया गया।
फिलहाल बोतल बंद पानी को लेकर अच्छी खबर आई है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार पीने के पानी में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी तेजी से बढ़ती जा रही है, लेकिन प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से कैंसर होता है, इसके अभी तक पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं।
हालांकि WHO की ओर से जारी नई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि कम प्रदूषण हो।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक प्लास्टिक पर्यावरण में फैलकर किस तरह शरीर को प्रभावित करता है, इसे समझने के लिए और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है।
माइक्रोप्लास्टिक का आकार 5 मिमी से होता है कम
माइक्रोप्लाटिक पर भी खूब बहस हो रही है। हालांकि माइक्रोप्लास्टिक की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है, लेकिन WHO की माने तो माइक्रोप्लास्टिक, दरअसल प्लास्टिक के बहुत छोटे अंश या रेशे होते हैं, जिनका आकार सामान्यत: 5 मिमी से कम होता है। इतना ही नहीं यह पीने के पानी में यह कण 1 मिमी जितने छोटे भी हो सकते हैं, लेकिन वास्तव में 1 मिमी से छोटे कणों को नैनोप्लास्टिक कहा जाता है।
शरीर में नहीं जाते बड़े माइक्रोप्लास्टिक
रिपोर्ट के अनुसार 150 माइक्रोमीटर (एक बाल की मोटाई) से बड़े माइक्रोप्लास्टिक्स के मानव शरीर में जाने की संभावना न के बराबर है, वहीं नैनो आकार के प्लास्टिक और बहुत छोटे माइक्रोप्लास्टिक कणों के शरीर में जाने की अधिक संभावना है, लेकिन उनके भी शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली मात्रा में जमा होने की संभावना नहीं है।
दो सौ करोड़ लोग दूषित पानी पीने को मजबूर
इस विषय पर शोध करने वालों का मानना है कि पीने के पानी में माइक्रोप्लास्टिक्स की नियमित निगरानी की आवश्यकता नहीं है। शोधकर्ताओं के अनुसार इसकी जगह हमें बैक्टीरिया और वायरस को दूर करने पर ज्यादा जोर देना चाहिए क्योंकि इनसे कहीं ज्यादा खतरा है।
WHO की मानें तो दुनिया भर में लगभग 200 करोड़ लोग दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। लिहाजा पानी की सफाई पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
पर्यावरण के लिए खतरनाक है प्लास्टिक
प्लास्टिक पर्यावरण के लिए खतरनाक है, ये हम सब जानते हैं। बावजूद इसके दुनियाभर में इसका इस्तेमाल हो रहा है। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान होता है बल्कि कई तरह की बीमारियां भी फैलती हैं। ऐसे में अगर आप भी इस खतरे से बचना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत अपने घर से ही करें।
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