जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। गन्ना किसानों को राहत देने के लिए सरकार जल्द चीनी का मिनिमम सेलिंग प्राइस बढ़ा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पर बनी सचिवों की कमेटी ने चीनी के एमएसपी को 2 रुपए तक बढ़ाने की मंजूरी दे दी है।
माना जा रहा है कि इस फैसले से शुगर मिलों का कैश फ्लो बढ़ जाएगा और आसानी से किसानों के बकाए का भुगतान कर पाएंगी। आपको बता दें कि चीनी उत्पादन 2019- 20 के दौरान देशभर के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर बकाया 22 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया है।
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एक अंग्रेजी अखबार को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सचिवों के एक समूह ने पिछले सप्ताह हुई बैठक में कीमत बढ़ाने पर अपनी सहमति दे दी है। देश के बड़े चीनी उत्पादक राज्यों के सुझाव के बाद इस प्रस्ताव पर विचार किया गया और यह एक सही फैसला हो सकता है। साथ ही इस फैसले पर नीति आयोग ने सहमति भी दे दी है।
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अधिकारियों का मानना है कि इस फैसले से सीधे किसानों को मदद मिले, ऐसे कदम उठाए जाएंगे। पिछली बार सरकार ने फरवरी 2019 में चीनी के एमएसपी में वृद्धि की थी, जब इसे 31 रुपए प्रति किलोग्राम तय किया गया था।
चीनी उत्पादन की गणना हर साल 1 अक्टूबर से अगले साल 30 सितंबर तक की जाती है। अगर State Advised Price (SAP) के लिहाज़ से देखें तो चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 22 हजार 79 करोड़ रुपए हो गया है।
कितना है बकाया?
केंद्र द्वारा घोषित Fair & Remunerative Price (FRP) के लिहाज़ से ये बक़ाया 17 हजार 683 करोड़ होता है। FRP गन्ना खरीद की वो दर है जो केंद्र सरकार घोषित करती है, जबकि राज्य सरकारें उस दर में अपनी तरफ से जो अतिरिक्त दाम लगा देती हैं, उसे SAP कहा जाता है। हालांकि मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल मई महीने तक बकाया 28 हजार करोड़ तक पहुंच गया था।
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