जुबिली न्यूज डेस्क
राजस्थान में पिछले महीने कांग्रेस और सरकार में खूब ड्रामा हुआ था। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज होकर बगावती तेवर अपना लिए थे। एक माह तक चले सियासी ड्रामा के बाद मामला शांत हुआ और पायलट घर लौट आए। उन्हानें सारे गिले-शिकवे भुलाकर काम करने की बात कही।
लेकिन एक बार फिर वह सुर्खियों में हैं। उन्होंने चुनावी वादों को लेकर कथित तौर पर अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा है और इस बाबत एक पत्र भी सीएम को लिखा है। पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री को आरक्षण का चुनावी वादा याद दिलाया है, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया।
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पायलट का यह पत्र चर्चा में है। जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट ने भले ही गिले-शिकवे भुलाने की बात कही है पर पत्र से तो ऐसा नहीं लग रहा। अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाकर वह फिर गहलोत की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
सचिन पायलट ने प्रदेश की सरकारी नौकरियों में गुर्जर और अति पिछड़ा वर्ग को पांच फीसदी आरक्षण देने के लिए सीएम को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया कि चुनावी घोषणा के बावजूद यह आरक्षण अभी तक लागू नहीं किया गया है।
पूर्व डिप्टी सीएम ने पत्र में लिखा है, ‘मेरे संज्ञान में लाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा निकाली गई भर्तियों में एमबीसी समाज को 5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2018 और रीट भर्ती 2018 में भी 5 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया।’
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पत्र बीते शनिवार को मीडिया में सामने आया। पायलट ने कहा है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रतिनिधिमंडलों ने उनसे मिलकर और प्रतिवेदनों के जरिए इस मुद्दे को उठाया।
इसके अलावा पायलट का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हमें पार्टी को मजबूत करने की दिशा में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पंचायत चुनाव, नगरपालिका में ध्यान लगाना चाहिए। 36 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। जवाबदेही निरंतर तय होनी चाहिए।Ó उन्होंने कहा कि चुनाव तो पांच साल बाद होते हैं मगर जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है जिसे हमें हमेशा निभाते रहना चाहिए।