Monday - 28 October 2024 - 7:02 PM

तो क्या बीजेपी ‘गिव एंड टेक’ की राजनीति कर रही है

न्यूज डेस्क

शायद यह राजनीति का संक्रमण काल है। इसीलिए अब राजनीति का एजेंडा बदल गया है। पहले राजनीति समाज सेवा का माध्यम था लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब गिव एंड टेक की राजनीति का दौर  है। जिसने वोट दिया उसकी नेता सुनेंगे और अगर नहीं दिया तो आपको शिकायत का भी हक नहीं है।

कर्नाटक में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री बीएस युदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचाार्या ने अपने इलाके के मुस्लिम वोटरों को धमकी भरे लहजे में कहा कि अपने क्षेत्र में मुसलमानों को मिलने वाले सारे फायदे रोक दूंगा।

विधायक का कहना है कि 2018 विधानसभा चुनाव में मुस्लिमों ने इन्हें वोट नहीं दिया था। इसलिए अब वह उन्हें सुविधाएं नहीं देंगे। बीजेपी विधायक ने कहा, “कुछ ऐसे गद्दार हैं जो मस्जिद में बैठते हैं और फतवा लिखते हैं। वे नमाज अदा करने की जगह मस्जिद के अंदर हथियार इक_ा करते हैं। क्या इसलिए तुम मस्जिद चाहते हैं?”

बीजेपी विधायक के इस बयान पर विपक्ष ने सवाल उठाया है। विपक्ष ने विधायक पर साम्प्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है।

यदि बीजेपी की बात करें तो वह सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। में यकीन रखती है। फिर भाजपा विधायक गिव एंड टेक की राजनीति को कैसे जायज ठहरा रहे हैं।

मीडिया से बात करते हुए विधायक रेणुकाचाार्या ने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं। मैं उनको मूलभूत सुविधाओं से दूर नहीं करुंगा। मैं उनकों दिए जाने वाले विशेष लाभ को रोक दूंगा। वे कहते हैं कि हम गलत हैं, लेकिन वहीं लोग कांग्रेस के लिए वोट करते हैं और उनका स्वागत करते हैं। वह पार्टी लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटती है। उन्हें सचेत हो जाना चाहिए। अपनी गलतियों को भी देखने की जरुरत है।”

बीजेपी नेता ने आगे कहा, “मैं उन्हें दी जाने वाली विशेष सुविधा को रोकने की कोशिश करुंगा। मूलभूत सुविधाएं मिलती रहेंगी। मैं सभी सम्मान करता हूं। यहां तक कि मेरा मानना है कि हम सब को एक साथ जीना चाहिए।”

गौरतलब है कि रेणुकाचार्या 2008 से 2013 की भाजपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने मुसलमानों पर राज्य भर की मस्जिदों में तलवार, चाकू और सोडा की बोतलें सहित घातक हथियार जमा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि सीएए के समर्थन में बुलायी गई उनकी रैली में मुस्लिम शामिल नहीं हुए, इसलिए वे अपने विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों के कल्याण के लिए आने वाले फंड को हिंदुओं के लिए दे देंगे।

बीजेपी विधायक के मन में मुसलमानों के प्रति किस कदर आक्रोश है इसको ऐसे समझा जा सकता है कि उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यदि समान व्यवहार करने के बावजूद वे (अल्पसंख्यक) हमारी पार्टी (भाजपा) को दुश्मन मानते हैं तो मैं भी उनकी उपेक्षा करुंगा। यदि वे हमारी नीतियों और कार्यक्रमों का विरोध करते रहेंगे तो उनके लिए कुछ नहीं करुंगा।”

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