जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ समय से एलएसी पर चीन भारत की मुश्किलें बढ़ाने में लगा हुआ है। भारत पिछले कुछ महीनों से दोहरी चुनौती से जूझ रहा है।
एक ओर कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और दूसरी तरफ लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल(एलएसी) पर चीनी सेना की साजिशों का भारत बड़ी मजबूती से सामना कर रहा है।
इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत का नंबर वन दुश्मन पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है।
बताते चलें कि पिछले कई महीनों से भारत-चीन सीमा पर गतिरोध बना हुआ है। इसको लेकर सीडीएस रावत ने टाइम्स नाउ समिट के कार्यक्रम में कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत का प्राथमिक फोकस डी-एस्केलेशन से पहले विघटन है क्योंकि चीन हमारा नंबर एक दुश्मन है, न कि पाकिस्तान।
विपिन रावत ने कहा कि भारत को आने वाले समय में दो मोर्चों पर दुश्मनों का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं अरुणाचल प्रदेश सीमा पर गांव बसाने की खबरों पर रावत ने कहा कि चीनी सेना ने पुरानी संरचना पर नया ढांचा बनाया है। वो अपनी सीमा क्षेत्र का विकास कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि आज लोगों को सैटेलाइट एवं गूगल के जरिए तस्वीरें मिल रही हैं। इस तरह की तस्वीरें पहले नहीं मिलती थीं। किसी तस्वीर के सामने आने से कब्जे की बात सामने आ जाती है।
सीडीएस विपिन रावत ने कहा कि चीनी सेना सीमा पर विकास कर रही है तो भारत भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और उसके आसपास के क्षेत्रों में विकास कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हम एलएसी के आस-पास पहले सड़कों का निर्माण नहीं करते थे। लोगों में भय था कि निर्माण करने से चीनी सैनिक आकर इसे तोड़ देंगे लेकिन अब ऐसा नहीं है।
रावत ने कहा कि गलवान घाटी की घटना के बाद भारत और चीन सैनिकों के बीच कई बार आमना-सामना हुआ। दोनों देशों की कोशिश है कि सैनिकों को इतने करीब आने से रोका जाये। हमारी कोशिश है कि दोनों देश की सेनाएं अप्रैल 2020 के पहले की स्थिति में आ जाएं।
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रावत ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में कुछ जगहों पर डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया धीमी चल रही है। इसमें लगने वाले समय के चलते चीन ने एलएसी के अंदरूनी भागों में स्थायी ढांचे बनाए हैं।