न्यूज डेस्क
कोविड 19 आज भी पहेली बनी हुई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने में लगे हुए हैं कि आखिरकार यह आया कहां से हैं।
पिछले साल दिसंबर के अंतिम सप्ताह में चीन के वुहान में कोविड 19 का वजूद सबके सामने आया। इस वायरस को मनुष्य में आए साढ़े तीन माह हो गए हैं और अब तक इसने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है।
कोरोना वायरस कैसे और कहां से आया इसे लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। कोविड 19 के शुरुआती दिनों में कहा गया कि यह चमगादड़ से इंसानों में आया है, बाद में कहा गया कि यह वायरस पेंगोलिन से इंसानों में पहुंचा। कुछ का दावा है कि यह वायरस जानवरों से ही इंसानों में पहुंचा, लेकिन किस जानवर से, इसे लेकर अब भी कोई बात पुख़्ता तौर पर जानकारी नहीं है।
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चूंकि इस वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर से हुई है इसलिए इसके साथ एक और थ्योरी जुुड़ी हुई है। थ्योरी यह है कि यह वायरस वुहान के एक प्रयोगशाला में तैयार हुआ है। तो क्या वाकई कोविड 19 चीन के वुहान शहर के किसी लैब से निकला और दुनिया भर में फैल गया?
जब वुहान में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा था तब कहा गया था कि यह चीन के ‘वेट-मार्केट’ से आया है। दरअसल चीन में कई जंगली जानवरों का इस्तेमाल खाने और दवाइयों के लिए किया जाता है। कोरोना वायरस वहीं से इंसानों में आया, लेकिन जब कोरोना सीमाओं को पार करते हुए दूसरे देशों में पांव पसारने लगा तब इसको लेकर दूसरे पहलू भी तलाशे जाने लगे।
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दुनिया के कई देश आज भी चीन से इसलिए नाराज है कि उसने जानबूझकर दूसरे देशों को कोरोना के हवाले कर दिया। कुछ दिनों पहले यह भी कहा गया था कि इस वायरस को प्रयोगशाला में तैयार किया गया है। इसको लेकर द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित किया है। द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने दूतावास के सूत्रों के आधार पर खबर दी है।
अखबार के अनुसार अमरीकी गृह-मंत्रालय के सूत्र बताते हैं कि दूतावास के अधिकारी चीन के वुहान शहर में स्थित एक वायरस लैब में जैव विविधता को लेकर परेशान थे। यह लैब उसी शहर में है जहां कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आया था और उसके बाद कहीं जाकर पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर गया।
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इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि अमरीकी सरकार उन अपुष्ट रिपोर्ट्स को जांच रही जिनमें कहा गया है कि यह वायरस प्रयोगशाला से बाहर आया है। यदि ऐसा कुछ है तो इस महामारी को लेकर अब तक की जो हमारी समझ है उसमें क्या कुछ नया जुड़ जाएगा?
द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने बताया है कि साल 2018 में अमरीकी विज्ञान राजनयिक कई बार चीनी शोध सुविधाओं के दौरे के लिए गए थे। इन अधिकारियों ने लैब में अपर्याप्त सुरक्षा के बारे में अमरीका को दो चेतावनियां भी दी थीं। अखबार में छपे कॉलम के अनुसार, दौरे पर गए अधिकारियों ने वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सुरक्षा और दूसरी कमियों को लेकर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने मदद की भी मांग की थी।
यह भी दावा किया जा रहा है कि राजनयिकों ने चमगादड़ के कोरोना वायरस पर लैब की रिसर्च को लेकर भी चिंता जाहिर की थी कि यह सार्स जैसी किसी नई महामारी का कारण हो सकता है।
अखबार लिखता है कि सूत्रों के इन दावों ने अमरीकी सरकार की चर्चाओं को और हवा देने का काम किया था जिसमें कहा जा रहा था कि कोविड 19 महामारी के वायरस का स्रोत या तो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी है या फिर वुहान का ही कोई दूसरा लैब। इसके साथ ही, फॉक्स न्यूज ने भी हाल के दिनों में लैब-थ्योरी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी।
कोविड 19 कहां से आया है, अब तक इसके बारे में पुख्ता सुबूत नहीं मिले हैं। यहां यह स्पष्ट कर देना बेहद जरूरी है कि बड़े पैमाने पर इन ऑनलाइन अटकलों के अलावा किसी तरह के कोई पुख़्ता सुबूत नहीं हैं कि सार्स कोविड 2 वायरस लैब में हुई गलती की देन है।
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