जुबिली न्यूज डेस्क
भारत ने 23 जुलाई को सरकारी ठेकों के नियम में कुछ बदलाव किया है। अब पड़ोसी देशों की कंपनियों को भारत के सरकारी ठेकों के लिए आवेदन करने से पहले अपना पंजीकरण कराना होगा और सुरक्षा एजेंसियों से स्वीकृत भी लेना पड़ेगा।
भारत के इस कदम को मुख्य रूप से चीन के खिलाफ उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है। सरकार ने कहा कि यह निर्णय “भारत की रक्षा और राष्टीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए” लिया गया। ”
भारत ने नियमों के बदलाव के संबंध में जो कहा हैं उसमें किसी भी देश का नाम नहीं लिया है। भारत चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल और भूटान से सीमा साझा करता है।
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भारत सरकार ने अपने वक्तव्य में कहा, “भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों की कोई भी कंपनी भारत सरकार की किसी भी खरीद के लिए तभी आवेदन कर पाएगी जब वो “कॉम्पीटेंट अथॉरिटी” के साथ पंजीकृत हो। विदेश और गृह मंत्रालयों से राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी स्वीकृति भी अनिवार्य होगी।”
केंद्र सरकार ने यह आदेश गुरुवार की देर रात जारी किया है। अपने आदेश में सरकार ने कहा कि नियम सरकारी बैंकों, वित्तीय संस्थानों और सरकारी उपक्रमों द्वारा जारी की गई सभी निविदाओं या टेंडरों पर लागू होंगे।
वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार के यह कदम अपेक्षित था, क्योंकि चीन को एक प्रभावशाली संदेश देने के लिए सरकारी खरीद ही सरकार के पास सबसे मजबूत तरीका है।
सरकार ने जो आदेश दिया है उसमें चिकित्सा संबंधी सामान को इस आदेश की परिधि से बाहर रखा गया है। सरकार ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए 31 दिसंबर, 2020 तक चिकित्सा संबंधी सामान की खरीद को नए नियमों से छूट प्राप्त रहेगी। नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने टिप्पणी के लिए अनुरोध पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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सरकार की यह घोषणा अप्रैल में जारी किए गए एक आदेश के बाद आई है जिसके तहत पड़ोसी देशों से निवेश के प्रस्तावों के लिए भी जांच से गुजरना अनिवार्य कर दिया गया था।
उस आदेश में भी चीन का नाम नहीं लिया गया था, लेकिन उस कदम से वो चीनी कंपनियां नाराज जरूर हुई थीं जो भारत में बड़े रूप में मौजूद हैं। उस समय बीजिंग ने नीति को भेदभाव-पूर्ण बताया था।
मालूम हो कि भारत और चीन के बीच लद्दाख की सीमा एलएसी पर पिछले तीन माह से तनाव बना हुआ है। चीनी सैनिक भारत के सीमा के भीतर घुस आए हैं।
जून माह में भारत-चीन सीमा पर हुई एक मुठभेड़ में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद भारत में चीनी कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पडु रहा है। भारत लगातार चीन के खिलाफ कदम उठा रहा है। इसके पहले भारत ने चीनी मूल के 59 ऐप्स बैन कर दिए हैं, जिनमें बाइटडांस का टिक टॉक ऐप और अली बाबा का यूसी ब्राउजर भी शामिल हैं। सरकार ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं को इस बैन का आधार बताया है।