न्यूज डेस्क
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अक्सर अपने बयान की वजह से चर्चा में रहते हैं। इस बार उन्होंने अपने बयान से अपनी ही एंजेसी के भरोसे पर सवाल खड़ा कर दिया है।
दरअसल राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी ही खुफिया एजेंसी की बात के उलट गुरुवार को पत्रकारों से कहा है कि कोरोना वायरस चीन की लैब में बना और उन्होंने इसके सबूत देखे हैं।
जबकि इससे पहले अमरीका के नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के ऑफिस ने कहा था, वो अभी भी जांच कर रहे हैं कि वायरस जानवरों से आया या किसी लैब का हादसा है।
ऑफिस ने ये भी कहा था कि उन्हें पूरा भरोसा है कि कोविड-19 “किसी इंसान ने नहीं बनाया और ना ही उसे जानबूझकर पैदा किया गया। ”
वहीं चीन ने अमेरिका के रूख की निंदा करते हुए लैब थ्योरी को खारिज किया है।
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कोरोना वायरस का पहला मामला पिछले साल दिसंबर के आखिरी हफ्ते में चीन के वुहान शहर में मिला था। वुहान से निकले कारोना वायरस ने दुनिया भर में अब तक 32 लाख से ज़्यादा लोगों को संक्रमित कर दिया है। कोरोना वायरस की वजह से दो लाख तीस हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
क्या कहना है इंटेलिजेंस चीफ का ?
अमेरिका की खुफिया एजेंसी को देखने वाले डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के ऑफिस ने 30 अप्रैल को कहा कि वो कोविड -19 की प्राकृतिक उत्पत्ति के मामले में “व्यापक वैज्ञानिक आम सहमति” के साथ हैं।
ऑफिस ने कहा कि इंटेलिजेंस जांच जारी रखेगी ताकि सामने आ रही नई जानकारियों से पता लगाया जा सके कि कोविड19 संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से फैला या ये लैब में हुए किसी हादसे का नतीजा था।
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अमरीकी इंटेलिजेंस की तरफ से ये पहला स्पष्टï बयान था, जिसमें किसी साजिश को खारिज किया गया। हालांकि ये साजिश अमरीका और चीन दोनों की तरफ से बताई जा रही थी कि वायरस एक जैविक हथियार है।
ऐसा भी नहीं है कि इस बात की संभावना को ही पूरी तरह नकार दिया गया है। इसकी वजह क्या है? ट्रंप ने हाल में महामारी को लेकर चीन पर ज़ुबानी हमला शुरू किया है। इससे पहले ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कहा था कि चीन के साथ विवाद थम गया है।
लेकिन 29 अप्रैल को अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन चाहता है, वो नवंबर में होने वाले चुनाव में हार जाएं। इससे पहले ट्रंप ने चीनी अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने शुरुआती वक्त में वायरस की जानकारी छिपाई। चीन बीमारी को फैलने से रोक सकता था। ट्रंप ने ऐसे ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी निंदा की और इस वैश्विक संस्था को दी जाने वाली अमरीकी फंडिग रोक दी।
इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि ट्रंप प्रशासन संकट को संभाल नहीं पा रहा, इसलिए उससे ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने भी बिना सबूत के इस बात को दोहराया कि कोविड-19 अमरीका से निकला है। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन चीन को आर्थिक सजा देने के तरीक़े ढूंढ रहा है।
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