जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में लॉकडाउन के बाद नौकरी जाने का सिलसिला अब थम चुका है। अनलॉक होने के एक महीने बीत चुके है… भले ही कोरोना का प्रकोप कम नहीं हो रहा है, लेकिन लॉकडाऊन में छूट के साथ ही देश में नई भर्तियों में भी तेजी आने लगी है।
मई की तुलना में जून में देश में हायरिंग एक्टिविटीज में 33% की तेजी आई। नौकरी जॉबस्पीक इंडैक्स जून में 1208 पर पहुंच गया, जबकि मई में यह 910 पर था। इस तरह मई की तुलना में जून में इसमें 33% की तेजी आई।
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जिससे लगता है कि लोगों को दनादन नौकरियां मिलनी शुरू हो गई हैं। हालांकि पिछले साल की जून की तुलना में इस बार इसमें 44% की कमी आई है। नौकरी जॉबस्पीक इंडैक्स एक मासिक इंडैक्स है जो नौकरी डॉटकॉम में जॉब लिस्टिंग के आधार पर हायरिंग एक्टिविटीज को कैलकुलेट और रिकॉर्ड करता है।
रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना लॉकडाउन की सबसे बड़ी मार हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और ऑटो सेक्टर पर पड़ी है। लॉकडाउन के नियमों में छूट के बाद इन सेक्टरों में भर्ती की रफ्तार बढ़ी है। जून में सरकार ने अनलॉक-1 शुरू किया था जिससे इन सेक्टरों में भर्तियों में तेजी आई है।
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हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में मई की तुलना में जून में भर्तियां 107% बढ़ी हैं जबकि रिटेल और ऑटो में 77% की तेजी देखने को मिली है। नौकरी डॉटकॉम के चीफ बिज़नेस ऑफिसर पवन गोयल ने कहा कि यह देखना उत्साहजनक है कि अनलॉक-1 की घोषणा से देश में भर्तियों की रफ्तार में तेजी आई है।
उन्होंने कहा कि सालाना आधार पर देखें तो जून में पिछले साल की तुलना में 44% कम भर्तियां हुईं लेकिन आईटीए, बीपीओ, एफएमसीजी और एकाउंटिंग में इस साल जून में पिछले 2 महीनों की तुलना में भर्तियों में काफी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि हायरिंग एक्टिविटीज अगले कुछ महीनों में फिर से पुरानी स्थिति में लौट आएंगी।
रिपोर्ट में कहा गया कि एजुकेशन/ टीचिंग में फंक्शनल रोल्स में 49%, फार्मा/ बायोटैक में 36 और सेल्स /बिज़नेस डेवलपमेंट में मासिक आधार पर 33% की तेजी आई है। सभी स्तरों पर अनुभवी लोगों की भर्ती जून में मई की तुलना औसतन 28 प्रतिशत बढ़ी है। इनमें सबसे ज्यादा उछाल एंट्री लेवल एक्जीक्यूटिव बैंड (3 साल तक का अनुभव) में आया है।
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