न्यूज डेस्क
कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी एक साथ कई मुद्दों पर जूझ रही है। एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर असमंजस बरकरार है तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहने को तैयार नहीं है। राहुल को एक बार फिर मनाने की तैयारी हो रही है तो वहीं इस बीच कांग्रेस ने आज सभी राज्यों में प्रदेश कमेटियां भंग कर दी।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बहुत उम्मीदें थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की वापसी के लिए राहुल ने प्रियंका को सक्रिय राजनीति में लाए। उन्होंने खुद पर भी मेहनत किया, लेकिन चुनाव में राहुल का कोई तरकीब काम नहीं आई। चुनाव में कांग्रेस ने कुल 52 सीटें जीती, जो 2014 के चुनाव में कुछ ही सीटें ज्यादा है। इतनी कम सीटों की वजह से कांग्रेस लोकसभा में विपक्ष का नेता भी नहीं तय कर पाई।
चुनाव परिणाम निश्चित ही कांग्रेस के लिए खासकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए निराशा पैदा करने वाली थी, क्योंकि यह चुनाव राहुल के नेतृत्व में लड़ा गया। राहुल ने हार की जिम्मेदारी स्वीकार कर इस्तीफे की पेशकश कर दी, लेकिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया।
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मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के समझाने के बाद आखिरकार राहुल एक महीने के लिए अध्यक्ष बने रहने पर राजी तो हो गए, लेकिन इस दौरान वह पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाकर रखे। राहुल न तो पार्टी की किसी मीटिंग में शामिल हुए और न ही नेताओं से मिल रहे थे।
राहुल की सक्रियता से बढ़ा संशय
इस्तीफे की पेशकश के बाद राहुल ने कुछ अपवादों को छोड़ कर पार्टी नेताओं से मिलना बंद कर दिया था। राहुल मोदी सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल हुए और वायनाड लोकसभा क्षेत्र की जनता का धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए केरल गए। इसके बाद एक सप्ताह के लिए राहुल कथित तौर पर देश के बाहर छुट्टियों पर गए।
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छुट्टी से लौटने के बाद एक बार फिर राहुल सक्रिय हो गए। उन्होंने संसद सत्र में भाग लेना शुरू किया और 19 जून को आपने जन्मदिन के मौके पर पार्टी दफ्तर भी पहुंचे। सबसे बड़ी बात ये है कि राहुल गांधी पार्टी नेताओं से मुलाकात करना शुरू कर दिए हैं। 19 जून को अनपने घर पर सिद्धारमैया से और फिर पार्टी दफ्तर में नेताओं-कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
वहीं 20 जून को छत्तीसगढ़ में संगठन और सरकार में नियुक्तियों को लेकर राहुल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रभारी पीएल पुनिया से मुलाकात की। इससे संकेत ये गया कि राहुल ने फिर से बतौर अध्यक्ष काम करना शुरू कर दिया है। लेकिन, इस बीच कांग्रेस की तरफ से जो कुछ फैसले लिए गए उनकी प्रेस विज्ञप्ति पर राहुल गांधी का नाम नहीं था। जाहिर है कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर असमंजस बरकरार है।
कांग्रेस नेताओं ने नहीं छोड़ी है उम्मीद
कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि राहुल पद पर बने रहेेंगे। इसी कड़ी में 26 जून को युवा कांग्रेस के देश भर से आए कार्यकर्ता राहुल गांधी के घर पर इकट्ठे होंगे और उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध करेंगे।
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राहुल के घर पर प्रदर्शन को लेकर यूथ कांग्रेस में तैयारी चल रही है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव यादव ने कहा कि “पूरे देश के युवा इकट्ठे हो रहे हैं और हम सब 12 तुगलक लेन (राहुल गांधी का घर) जाएंगे। हम राहुल जी ये अपील करेंगे कि देश के युवा आपके साथ है उन्हें हमारा नेतृत्व करना चाहिए। इस लड़ाई को राहुल जी के नेतृत्व में जीता जाएगा।
अशोक गहलोत का नाम आगे
अशोक गहलोत के भावी अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अटकलों पर पिछले दिनों राहुल गांधी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष के चयन में उनकी भूमिका नहीं है और पार्टी इस बाबत फैसला लेगी।
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जाहिर है राहुल ने इस बात पर खुद मुहर लगा दी कि कांग्रेस में नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक राहुल ने पार्टी के सामने ये शर्त भी रखी है कि अगला अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का हो। ऐसे में नए कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर अशोक गहलोत से लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह और मुकुल वासनिक तक के नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं।