जुबिली न्यूज डेस्क
अमेरिका समेत यूरोप के तमाम देश रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाकर युद्ध रोकने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि ये प्रतिबंध रूस के इरादों को कमजोर नहीं कर पा रहे हैं।
वहीं एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि चीन के नेताओं ने रूस से कहा था कि ओलंपिक खेलों के दौरान यूक्रेन पर हमला ना करे। दरअसल पश्चिमी जासूसों के हाथ इस बातचीत की रिपोर्ट लगी हैं, जिनसे यह बात उजागर हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के वरिष्ठ नेताओं ने अपने रूसी समकक्षों से फरवरी के आरंभ में आग्रह किया था कि यूक्रेन पर हमला करने की योजना बीजिंग में हुए शीतकालीन ओलंपिक खेलों के खत्म होने तक टाल दें।
इसको लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक खबर छापी है, जिसमें पश्चिमी जासूसी एजेंसियों की रिपोर्ट के बारे में जानकारी रखने वाले एक यूरोपीय नेता की बाइडेन प्रशासन से हुई बातचीत का हवाला दिया गया है।
कितनी पुख्ता है यह जानकारी?
जासूसी रिपोर्ट में इस ओर इशारा किया गया है कि चीनी नेताओं को इस बात की पहले से जानकारी थी कि रूस यूक्रेन पर हमला करने वाला है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी खबर में लिखा है कि इस रिपोर्ट की समीक्षा करने वाले इसे भरोसेमंद मानते हैं। यह रिपोर्ट अमेरिका के विभिन्न सहयोगी देशों के बीच बांटी गई थी, जो खुद इस बात को लेकर पसोपेश में थे कि रूस हमला करेगा या नहीं।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक नेता के हवाले से लिखा है कि विभिन्न जासूसी एजेंसियों ने इस रिपोर्ट पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दी, लिहाजा सभी ने इसे अलग-अलग तरह से समझा।
यह भी पढ़ें : बेलारूस के राजदूत दावा-भारतीय छात्रों को पीटा गया, वापस यूक्रेन भेजा गया
यह भी पढ़ें : यूपी चुनाव : 57 सीटों पर मतदान जारी, योगी का दावा- हम 80 से अधिक सीटें…
यह भी पढ़ें : यूक्रेन संकट : कच्चे तेल कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल के पार
वहीं रिपोर्ट के बारे में जानकारी रखने वाले एक नेता ने बताया कि इससे यह पता नहीं चलता कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी या नहीं।
हालांकि वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट को निराधार बताया है। प्रवक्ता ने कहा, “इस रिपोर्ट में किए गए दावे महज अटकलें हैं जिनका कोई आधार नहीं है और इनका मकसद इल्जाम को चीन की ओर खिसकाना व उसकी छवि खराब करना है।”
ओलंपिक के दौरान क्या हुआ?
पिछले महीने बीजिंग में हुए शीतकालीन ओलंपिक खेलों में दूसरे देशों से बहुत कम नेता पहुंचे थे। उनमें से एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी थे।
यह भी पढ़ें : बेटी व बेटे पर एक्शन के बाद अब स्वामी प्रसाद मौर्य को नोटिस
यह भी पढ़ें : यूएन : रूसी हमले के बाद 10 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सरकार कर रही अपना काम, पुतिन को नहीं दे सकते युद्ध रोकने का निर्देश
4 फरवरी को जब ओलंपिक खेलों का उद्घाटन हुआ, तब पुतिन और शी की मुलाकात हुई थी। दोनों ने पश्चिम के खिलाफ सहयोग की बात कही थी।
इन दोनों ने पांच हजार शब्द लंबा एक दस्तावेज जारी किया था जिसमें रूस-चीन सहयोग के बारे में विस्तार से लिखा गया था। इस दस्तावेज में कहा गया कि दोनों देशों की साझेदारी की कोई सीमा नहीं है। 20 फरवरी को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक खत्म हुए और 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया।
पिछले महीने ही अटलांटिक काउंसिल के एक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व राष्ट्रपति केविन रड ने कहा था कि इस दस्तावेज के आधिकारिक चीनी अनुवाद में नाटो-विरोधी भावनाओं को नजरअंदाज किया गया था, जिसे रूसियों ने यूक्रेन पर हमले को जायज ठहराने के लिए काफी माना।