जुबिली न्यूज डेस्क
ऐसा कई लोगों के साथ होता है कि जब वह सुबह सोकर उठते हैं तो उनके मुंह से बदबू आती है, जबकि वह रात में ब्रश करके सोते हैं। फिर ऐसा क्यों होता है?
सुबह सोकर उठने पर अमूमन सभी के मुंह से किसी न किसी तरह की गंध आती है। हां कुछ लोगों के मुंह से यह गंध ज्यादा आती है तो किसी से कम।
रात को जब हम सोने जाते हैं तो ऐसा नहीं था फिर रात भर में मुंह में ऐसा क्या हो जाता है, जिससे बदबू पैदा होती है। तो चलिए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
पहली बात तो यह कि हमारे मुंह में हमेशा ही कुछ बैक्टीरिया रहते हैं। रात को जब हमारी लार वाली ग्रंथियां कम मात्रा में लार निकालती हैं तो इसके चलते हमारा मुंह थोड़ा सूख जाता है। इस माहौल में मुंह के कुछ बैक्टीरिया खूब फलते फूलते हैं। यह खास बैक्टीरिया सल्फर-वाले व्यर्थ पदार्थ निकालते हैं जिसके कारण उनके मुंह से बदबू आती है।
यह भी पढ़ें : कांग्रेस से राज्यसभा का टिकट न मिलने पर बोले पवन खेड़ा, शायद मेरी तपस्या में कुछ…
यह भी पढ़ें : IPL का नया सरताज बना टाइटंस, रॉयल्स को 7 विकेट से चटाई धूल
यह भी पढ़ें : शरीयत में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं करेंगे मुसलमान
दरअसल बैक्टीरिया को अमीनो एसिड और प्रोटीन के पाचन से ऊर्जा मिलती है। चूंकि कुछ अमीनो एसिड में सल्फर पाया जाता है, जो बैक्टीरिया के इस्तेमाल करने के बाद मुक्त हो जाता है। बैक्टीरिया के इस पाचन की प्रक्रिया में सल्फर के अतिरिक्त कुछ बदबूदार गैसें भी निकलती हैं।
रिसर्च में पाया गया है कि सांस की दुर्गंध में कई चीजों का मिश्रण होता है। इसमें कई चीजें हो सकती हैं। जैसे कैडावरीन (लाश की गंध), हाइड्रोजन सल्फाइड (सड़े अंडे की गंध), आइसोवैलेरिक एसिड (पसीने वाले पैर की गंध), मिथाइलमेर्काप्टेन (मल की गंध), पट्रीशाइन (गलते मांस की गंध) और ट्राइमिथाइलअमीन (सड़ती मछली जैसी गंध)।
विशेषज्ञों के मुताबिक रात को सोने से पहले ब्रश करने और जीभ को साफ करने से अगली सुबह सांस की दुर्गंध में कमी लायी जा सकती है, लेकिन मुंह के बैक्टीरिया रात को जब बंद जगह में नमी पाते हैं तो तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हुए 600 से भी ज्यादा तरह के कंपाउंड बनाते हैं।
यह भी पढ़ें : खुफिया रिपोर्ट में सिद्धू की जान को बताया गया था खतरा, फिर भी सुरक्षा में की गई कटौती
यह भी पढ़ें : सिद्धू मूसेवाला के पिता के बयान से हत्या के मामले में आया नया मोड़
यह भी पढ़ें : ‘संगम के 5 किलोमीटर के दायरे में शराब-मांस की बिक्री पर लगे पाबंदी’
कई लोग है जो बदबू से निजात पाने के लिए माउथवॉश का भी इस्तेमाल करते हैं। दरअसल माउथवॉश में पाये जाने वाले जाइलिटॉल, ट्रिकलोजान और इसेंशियल ऑयल जैसे पदार्थ बैक्टीरिया को पसंद नहीं आते।
लेकिन सच यह भी है कि थोड़े ही समय बाद यह भी बैक्टीरिया पर बेअसर हो जाते हैं। इसलिए सुबह मुंह से ऐसी गंध आना आम बात है और इसके लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं।
जानकारों के अनुसार अगर बदबू बहुत तेज हो तो जरूर डॉक्टर के पास जाना चाहिये क्योंकि यह हेलीटोसिस की स्थिति हो सकती है. दांतों में कैविटी, मसूडों में सडऩ और टॉन्सिल होने पर भी दुर्गंध बढ़ जाती है।