न्यूज डेस्क
यदि आप कैल्शियम की गोलियों का सेवन करते हैं तो सावधान हो जाइये। यह सही है कि अच्छी सेहत और मजबूत हड्डिïयों के लिए कैल्शियम की खुराक जरूरी है लेकिन कैल्शियम की गोलियां दिल और वास्कुलर सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे हॉर्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। हाल ही में आए एक शोध में इसका खुलासा हुआ है।
50 की उम्र पार करते ही अधिकांश महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम की गोलियों का सेवन करने लगती है। जो महिलाएं नियमित कैल्शियम की गोली खाती है उन्हें जानकर हैरानी होगी कि उनकी हड्डियों को मजबूत करने वाली गोली उनके दिल को कमजोर कर रही है।
शोध में खुलासा हुआ है कि जो नियमित कैल्शियम सप्लिमेंट्स लेते हैं, उनमें दिल का दौरा पडऩे की आशंका 86 प्रतिशत ज्यादा पाई गई। 35 से 64 एज ग्रुप के लोगों पर हुई स्टडी में कुल 24 हजार लोग शामिल किए गए।
वहीं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार कैल्शियम सप्लिमेंट्स का लिंक किडनी स्टोंस और ब्लोटिंग से भी है। वहीं एक दूसरी स्टडी में बताया गया है कि विटमिन डी के साथ कैल्शियम पिल्स लेने से पोस्ट-मेनॉपॉजल महिलाओं में स्ट्रोक का डर बढ़ जाता है।
दरअसल, इन दोनों को साथ लेने की सजेशन इसलिए दी जाती है, क्योंकि विटमिन डी, कैल्शियम के अब्जॉर्ब होने में हेल्प करता है। जबकि जरूरत से ज्यादा कैल्शियम की मात्रा ब्लड में ‘सीरम कैल्शियम लेवल्स’ को बढ़ा देता है जिससे आर्टरीज बंद हो सकती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार अब तक कैल्शियम को हाई बीपी में अच्छा माना जाता रहा है। यह हार्ट अटैक के रिस्क फैक्टर को कम करने वाला माना जाता था। यही नहीं, यह मोटापा कम करने में भी कारगर रहा है, लेकिन अगर इसे सप्लिमेंट के फॉर्म में लिया जाता है तो नुकसानदायक हो सकता है।
जब आप डायट में कैल्शियम लेते हैं, तो यह आराम से पूरे दिन में बॉडी में अब्जॉर्ब होता है, लेकिन जब इसे 500 या 1000 मिलीग्राम की गोली की फॉर्म में लेते हैं, तो तुरंत ही अब्जॉर्ब हो जाता है। बॉडी में अचानक से कैल्शियम का लेवल बढऩा नुकसान करता है। इसलिए सप्लिमेंट्स को पूरी तरह से अवॉइड करने की जरूरत है।
2016 नवंबर में भी एक शोध में खुलासा हुआ कि जो महिलाएं कैल्शियम की गोलियों का सेवन करती हैं उनमें से लगभग 50 प्रतिशत को दिल का दौरा पडऩे की आशंका अपेक्षाकृत अधिक होती है।
जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक 23980 लोगों पर अध्ययन किया था। उन्होंने अतिरिक्त कैल्शियम दवा लेने वाले ऐसे लोगों में दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं की तुलना उन लोगों से की है जो ये दवाएं नहीं लेते। जिन लोगों ने कोई सप्लीमेंट नहीं लिया उन 15959 लोगों में से 851 को हार्ट अटैक हुआ, लेकिन अध्ययन के दौरान पाया गया कि कैल्शियम के लिए दवा लेने वाले लोगों में दिल का दौरा पडऩे के आसार 86 फीसदी ज्यादा हैं।
न्यूजीलैंड की ऑकलैंड यूनिवर्सिटी के डॉ. इयान रीड के अनुसार दूसरी स्टडी से मिला डेटा भी बताता है कि कैल्शियम के इस्तेमाल से दिल के दौरे पड़ने की आशंका बढ़ती है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह प्राथमिक तौर पर अधिक उम्र वाली महिलाओं की समस्या हो क्योंकि युवाओं की तुलना में उन्हें दिल की बीमारी होने की आशंका अधिक होती है। लिहाजा 70 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं और दिल की बीमारी से पीडि़त महिलाओं को कैल्शियम की पूरक खुराक न दिए जाने की सलाह उचित है।
वहीं 2010 में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपे एक रिसर्च पेपर में कहा गया था कि ऑस्टियोपोरोसिस रोग के इलाज में कैल्शियम के इस्तेमाल पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। आमतौर पर हड्डियों को मजबूत करने के लिए डॉक्टर कैल्शियम की गोलियां देते हैं। लेकिन अध्ययन में पता चला है कि इन गोलियों से खास तौर से उम्रदराज महिलाओं में हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोग बढ़ रहे हैं।
रिसर्च पेपर के लेखकों ने चेतावनी दी है कि भले ही व्यक्तिगत तौर पर कैल्शियम उतना खतरनाक न हो, लेकिन जिस तरह से इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है, यह पूरे समाज में रोग का दबाव बढ़ा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आप जितना ज्यादा कैल्शियम खाएंगे, उतना ज्यादा प्रोटेक्शन होगा। नेचुरल तरीके से भी आप एक सीमा तक ही शरीर में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। देखा गया कि जिन लोंगों का कैल्शियम लेवल लो था, उनमें हार्ट डिजीज होने की आशंका ज्यादा थी। लेकिन जब इन लोगों ने नेचुरल सोर्सेज से कैल्शियम लेवल को बढ़ाया तो उनमें हॉर्ट की प्रॉब्लम्स भी कम हो गई।
डॉक्टरों के अनुसार अपने खान-पान के माध्यम से कैल्शियम की कमी को दूर किया जा सकता है। यदि आपका खान-पान दुरुस्त है तो आपको अलग से सप्लिमेंट की जरूरत नहीं है। कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत दूध माना जाता है। दूध, पनीर, दही और छाछ का नियमित सेवन कर आप कैल्शिम की कमी दूर कर सकते हैं। इसके अलावा अंडा भी अच्छा स्रोत माना जाता है। अंडे के वाइट पोर्शन में बहुत सारा कैल्शियम होता है। इसके अलावा चीज, टोफू, बादाम, फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी, हरी पत्तेदार सब्जियां और ब्राजील नट्स में भरपूर कैल्शियम होता है। रोस्टेड या सूखे हुए तिल भी कैल्शियम का अच्छा सोर्स हैं।