Saturday - 26 October 2024 - 12:37 PM

कौशल के कद्रदानों का कुम्भ साबित हो रहा हुनर हाट: नकवी

जुबिली न्यूज़ डेस्क

नयी दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ ‘कौशल के कद्रदानों का कुम्भ’ साबित हो रहा है और यह ‘वोकल फॉर लोकल’ को ‘मास मूवमेंट’ बनाने में ‘प्रभावी, परफेक्ट, प्रामाणिक’ भूमिका निभा रहा है। अगला हुनर हाट मध्य प्रदेश के भोपाल में 12 से 21 मार्च तक आयोजित किया जाएगा।

नकवी ने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित 26वें ‘हुनर हाट’ में आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘हुनर हाट’ ‘कौशल के कद्रदानों का कुम्भ’ साबित हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि 20 फरवरी से शुरू हुए ‘हुनर हाट’ में अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का अभिमान बनें हैं। उम्मीद है कि आने वाले दो दिनों में यह संख्या 16 लाख से ऊपर जाएगी।‘हुनर हाट’ का समापन 1 मार्च को होगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित 10 दिनों के इस ‘हुनर हाट’ का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था। अब तक कई केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, वरिष्ठ नौकरशाह, विभिन्न देशों के राजनयिक, जाने-माने उद्योगपति, दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों की हौसलाअफजाई करने आ चुके हैं।

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‘हुनर हाट’ में आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखण्ड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओड़िशा, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल सहित देश के 31 से अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से 600 से अधिक दस्तकार, शिल्पकार, कारीगर शानदार स्वदेशी उत्पादों के साथ शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट’ में ये कारीगर ऍप्लिक वर्क, ड्राई फ्लावर्स, बेंत-बांस, ब्रास, जूट के उत्पाद, लकड़ी-मिट्टी से बने स्वदेशी खिलौने, अजरख ब्लॉक प्रिंट, ब्लू आर्ट पॉटरी, पश्मीना शाल, खादी के सामान, बनारसी सिल्क, वुडेन फर्नीचर, चिकनकारी एम्ब्रॉइडरी, चंदेरी सिल्क, लाख की चूड़ियां, राजस्थानी आभूषण, फुलकारी, ऑइल पेंटिंग, लेदर उत्पाद, खुर्जा की पॉटरी, तमिलनाडु, कर्नाटक की चंदन की कलाकृतियां, पश्चिम बंगाल के जूट के सामान; शीशे से बनी दुर्लभ कलाकृतियाँ; चटाईयां, दरी, कालीन आदि शानदार स्वदेशी उत्पाद अपने साथ बिक्री एवं प्रदर्शनी के लिए लेकर आये।

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उन्होंने कहा कि ‘हुनर हाट’ के जरिये अब तक 5 लाख 30 हजार से ज्यादा दस्तकारों, शिल्पकारों, कलाकारों को रोजगार और रोजगार के मौकों से जोड़ा गया है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के साथ 75 “हुनर हाट” के जरिये 7 लाख 50 हजार दस्तकारों, शिल्पकारों को रोजगार-रोजगार के मौकों से जोड़ा जायेगा।

नकवी ने कहा कि ‘हुनर हाट’ ई-प्लेटफार्म एचटीटीपी:हुनरहाट.ओआरजी के साथ ही जीईएम पोर्टल पर भी देश-विदेश के लोगों के लिए उपलब्ध है जहाँ लोग सीधे दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों के बेहतरीन स्वदेशी सामानों को देख-खरीद रहे हैं।

अगला ‘हुनर हाट’ भोपाल (12 से 21 मार्च); गोवा (25 मार्च से 4 अप्रैल); कोटा (9 से 18 अप्रैल), सूरत (23 अप्रैल से 2 मई) में आयोजित होगा। इसके अतिरिक्त हैदराबाद, मुंबई, जयपुर, पटना, प्रयागराज, रांची, कोच्चि, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, जम्मू-कश्मीर आदि स्थानों पर भी इस वर्ष ‘हुनर हाट’ के आयोजन होंगें।

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