जुबिली स्पेशल डेस्क
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। ऐसे में जहां एक ओर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है तो दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को बड़ा ऐलान किया है।
जानकारी के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा ने मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन विपक्षी पार्टियों को एक वार्निंग लेटर भेजने की तैयारी में है।
दरअसल किसान इस लेटर के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहती है। जानकारी के मुताबिक इस पत्र के माध्यम से संसद के अंदर बैठे विपक्षी पार्टियों के सदस्यों से कहा जाएगा कि वो संसद में किसानों की आवाज को उठाएं।
इसके आलावा संसद के बाहर सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करने की योजना भी संयुक्त किसान मोर्चा बना रहा है। किसानों की माने तो मानसून सत्र के दौरान अलग-अलग किसान संगठनों के 5 सदस्य संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
यह भी पढ़ें : यूपी में अब मेगा लेदर और परफ्यूम पार्क के साथ ही परफ्यूम म्यूजियम बनाने की तैयारी
इसके साथ ही संसद के बाहर करीब 200 किसान प्रदर्शन कर सकते हैं। संयुक्त किसान मोर्चा इस पत्र के माध्यम से विपक्षी सांसदों से कहेगा कि वो संसद का बर्हिगमन कर केंद्र सरकार को लाभ ना पहुंचाएं, बल्कि संसद के अंदर बैठ कर किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरें।
यह भी पढ़ें : सीएम योगी ने निष्ठा से कहा, तुम्हारा काम सबसे पहले होगा
यह भी पढ़ें : 14 जुलाई से लखनऊ में मिशन-2022 की समीक्षा करेंगी प्रियंका गांधी
मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार पीछे हटने को तैयार नहीं हो रही है।
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : हुकूमत क्या सिर्फ तमाशा देखने के लिए है
कृषि कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले साल 26 नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत हुई है लेकिन उसका नतीजा कुछ भी नहीं निकला है।