न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में 500 रुपये के चैलेंज के चक्कर में छठी कक्षा की छात्रा ने फिनाइल पी ली। जानकारी मिलने पर आनन- फानन में वॉर्डन ने उसे उल्टी करवाई और तुरंत गोंडा सीएचसी लेकर गई। छात्रा की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल मलखान सिंह रेफर कर दिया गया।
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वहां रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वॉर्डन ने छात्रा को परिजनों के सुपुर्द कर घर भेज दिया है। दरअसल कक्षा छह की दो छात्राओं में 500 रुपये की शर्त लग गई कि फिनाइल कौन पी सकता है।
एक छात्रा ने शर्त के अनुसार 500 रुपये जीतने के लिए बिना सोचे समझे फिनाइल पी लिया। इसके बाद छात्रा को उल्टी होने लगी और तबियत बिगड़ गई। इस पर छात्राओं ने वार्डन शिल्पी वार्ष्णेय को मामले की जानकारी दी। आनन- फानन में वॉर्डन छात्रा को गोंडा सीएचसी ले गई।
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इस दौरान बीएसए को सूचना दी गई। बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने छात्रा से बात कर जिला अस्पताल में चेकअप कराने के लिए कहा। पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर घबरायी छात्रा को आराम करने के लिए घर भेज दिया गया है। बीएसए ने बताया कि छात्रा की हालत स्थिर है।
बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि फिनाइल पीने के प्रकरण में कौन जिम्मेदार है। क्या विद्यालयों में घातक सामग्रियों को रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अगर है तो छात्राओं के हाथ में फिनाइल की बोतल कैसे पहुंची।
उन्होंने कहा कि वॉर्डन से स्पष्टीकरण तलब किया जा रहा है कि आखिरकार छात्राओं को फिनाइल की बोतल कैसे मिली। वहीं घातक सामग्रियों को अलमारी में रखने के आदेश जारी किए जाएंगे, जिससे ऐसी वस्तुएं बच्चों की पहुंच से दूर रहे। इस प्रकार की लापरवाही किसी भी प्रकार से बर्दाशत नहीं की जाएगी।