न्यूज़ डेस्क।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटाये जाने के बाद कहा कि अब यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं।
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद शनिवार को घाटी के लोगों के हालात जानने के लिए कांग्रेस, सीपीआई, डीएमके, आरजेडी, टीएमसी, एनसीपी और जेडी (एस) जैसे विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर का दौरा करने गया था। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को श्रीनगर हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें वापस दिल्ली वापस भेज दिया गया।
इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, डी राजा, शरद यादव, मनोज झा, मजीद मेमन और अन्य विपक्षी नेता थे।
Rahul Gandhi: Some days ago I was invited by Governor to visit J&K.I accepted the invitation. We wanted to get a sense of what ppl are going through, but we weren’t allowed beyond the airport. Press ppl with us were mishandled,beaten. It’s clear that situation in J&K isn’t normal pic.twitter.com/1XKyaUcg06
— ANI (@ANI) August 24, 2019
राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी के हालात का जायजा लेने गये राजनेताओं के प्रतिनिधिमंडलों को श्रीनगर हवाईअड्डे से लौटाये जाने के बाद संवाददाताओं से कहा कि, कुछ दिनों पूर्व मुझे जम्मू-कश्मीर दौरे के लिए राज्यपाल ने आमंत्रित किया था, मैंने न्योता स्वीकार कर लिया था।
हम वहां के लोगों की भावनाओं को जानना चाहते थे, लेकिन हमें हवाईअड्डे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गयी। हमारे साथ गये मीडियाकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की गयी। यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य नहीं है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि हमें शहर में जाने की अनुमति नहीं दी गयी, लेकिन जम्मू-कश्मीर की हालत भयावह है। हमारे विमान में मौजूद कश्मीर के यात्रियों से जो कहानियां सुनी उसे सुनकर एक पत्थर के भी आंख में आंसू आ जायेंगे।
इस मामले में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि, अब उनकी (राहुल गांधी) कोई जरूरत नहीं है, उनकी जरूरत तब थी जब उनके सहयोगी संसद में बोल रहे थे। यदि वह स्थिति को बिगाड़ना चाहते हैं और दिल्ली में उनके द्वारा बताए गए झूठ को दोहराना चाहते हैं, तो यह अच्छा नहीं है।
मैंने उन्हें सद्भावना से आमंत्रित किया था लेकिन उन्होंने राजनीति करना शुरू कर दिया, यह इन लोगों द्वारा राजनीतिक कार्रवाई के अलावा कुछ नहीं है। पार्टियों को इस समय में राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखना चाहिए।
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