न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। ठेकेदार अवधेश चंद्र श्रीवास्तव की आत्महत्या के मामले की जांच, विशेष जांच दल (SIT) ने शुरू कर दी है। अवधेश के परिजनों के बयान दर्ज किए जा चुके है। इस दौरान ठेकेदार को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले कारणों, लिप्त लोगों पर फोकस रहा।
टीम परिजनों से यह जानने का प्रयास कर रही थी कि आर्थिक दबाव बनाने के लिए कौन जिम्मेदार रहे। वहीं फाइलों को भी खंगाला गया।
एसआईटी की टीम नामजद जेई, एई सहित अन्य सभी आरोपियों के बैंक खातों और संपत्तियों की जांच करेगी। टीम ने सभी के बैंक खातों और संपत्तियों का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है।
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शुरुआती जांच में पता लगा है कि कुछ जेई और एई अपने करीबी ठेकेदारों के नाम से खुद की फर्म बनाकर एक करोड़ से कम का ठेका दिलाने और भुगतान कराने का काम करते थे। ऐसे फर्मों पहचान की जाएगी।
वहीं अवधेश के साथी ठेकेदारों का बयान दर्ज कराया जाएगा। एसआईटी की अनुमति के बिना नामजद आरोपी शहर नहीं छोड़ सकेंगे। ठेकेदार की पत्नी और बच्चों का भी बयान दर्ज होगा। वहीं विशेष टीम ने निर्माण कार्यों के भुगतान और टेंडर संबंधी 69 फाइलों की फोटोकॉपी को भी कब्जे में ले लिया है।
चीफ इंजीनियर सहित 34 कर्मचारियों का बयान भी दर्ज कराया जाएगा। शासन स्तर की जांच रिपोर्ट को अपनी जांच में एसआईटी शामिल करेगी। इतना ही नहीं स्थानांतरित हो चुके अभियंता भी एसआईटी की जांच की जद में आएंगे। जल्द ही सूचीबद्ध कर एसआईटी की ओर से नोटिस जारी की जाएगी।
कैंट थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना, साक्ष्य संकलन, संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक नगर दिनेश सिंह के पर्यवेक्षक में विशेष जॉच दल (SIT) का गठन किया गया। इसमें सहायक पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी कैंट डॉ. अनिल कुमार, प्रभारी निरीक्षक कैंट अश्वनी चतुर्वेदी, प्रभारी इंटेलीजेंस विंग विक्रम सिंह सहित सात लोगों को शामिल किया गया है।