जुबली न्यूज़ डेस्क
जनपद कानपुर नगर में 9 दिन पहले घटित घटना की जांच एसआईटी करेगी। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ को सदस्य बनाया गया है। शासन ने 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तलब की है।
गौरतलब है कि बिकरू गांव में हुए शूटआउट के बाद पुलिस से लेकर शासन-प्रशासन के कई बड़े लोगों के नाम सामने ए थे। अब इन सभी बिन्दुओं पर जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया है।
एसआईटी अब जांच करेगी कि, विकास दुबे के खिलाफ जन शिकायतों पर चौबेपुर एसओ ने क्या कार्रवाई की थी। यदि जिले के अन्य अधिकारियों ने कोई जांच की तो क्या कार्रवाई की गई? पुलिस विभाग के कर्मियों की संलिप्तता, फाइनेंस की संपत्ति, आय का जरिया आदि की जांच ईडी और आयकर विभाग से कराई जाएगी।
विकास दुबे और उसके साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के तहत कार्रवाई की गई। लेकिन बाद में ठंडे बस्ते में डाल दी गई। अब उन मामलों की नए सिरे से जांच होगी। विकास दुबे और उसके साथियों के पिछले एक साल के सीडीआर का परीक्षण कराया जाएगा।
विकास दुबे के विरूद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित है उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी? इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु कृत कार्यवाही क्या पर्याप्त थी? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी?
विकास दुबे एवं उसके साथियों के पास शस्त्र लाइसेंस एवं शस्त्र होना ज्ञात हुआ है। यह देखा जाना होगा कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी इनका हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करनें के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा?
घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थानें में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। इस तथ्य की भी जांच होगी साथ यदि कोई दोषी है तो उसे चिन्हित किया जाएगा।
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