जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया भले ही इस वक्त जेल में बंद हो लेकिन इसके बावजूद मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोल रहे हैं। उन्होंने जेल से ही देश के नाम एक लेटर लिखा है।
इस लेटर के माध्यम से उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने अपने लेटर में पीएम के कम पढ़ा लिखा होने पर सवाल उठाया है।
उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से लिखा है कि प्रधानमंत्री का कम पढ़ा लिखा होना देश के लिए बेहद खतरनाक है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
मनीष सिसोदिया ने लेटर में लिखा है कि पिछले कुछ सालों में देश में 60 हजार स्कूल बंद किए गए हैं। उन्होंने लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते हैं और ना ही मोदी जी शिक्षा का महत्व समझते हैं, इसलिए भारत की तरक़्क़ी के लिए एक पढ़ा लिखा पीएम का होना बहुत जरूरी है।
लेटर में आगे क्या लिखा गया है
प्रधानमंत्री पर तंज करते हुए लिखा, कि आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। दुनिया भर में विज्ञान और टेक्नॉलॉजी में हर रोज नई तरक्की हो रही है। सारी दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की बात कर रही है।
ऐसे में जब मैं पीएम को यह कहते हुए सुनता हूं कि गंदे नाले में पाइप डालकर उसकी गंदी गैस से चाय या रवाना बनाया जा सकता है तो मेरा दिल बैठ जाता है।
मनीष सिसोदिया ने जेल से देश के नाम चिट्ठी लिखी –
प्रधानमंत्री का कम पढ़ा-लिखा होना देश के लिए बेहद ख़तरनाकमोदी जी विज्ञान की बातें नहीं समझते
मोदी जी शिक्षा का महत्व नहीं समझते
पिछले कुछ वर्षों में 60,000 स्कूल बंद किए
भारत की तरक़्क़ी के लिए पढ़ा-लिखा पीएम होना ज़रूरी pic.twitter.com/VpPyY1Jr2v
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 7, 2023
क्या नाली की गंदी गैस से चाय या खाना बनाया जा सकता है? नहीं। लेटर में आगे लिखा है, कि जब पीएम कहते हैं कि बादलों के पीछे उड़ते जहाज को रडार नहीं पकड़ सकता तो पूरी दुनिया के लोगों में वो हास्य के पात्र बनते हैं। स्कूलों और कॉलेजों में पढऩे वाले बच्चे उनका मजाक बनाते हैं।
उनके इस तरह के बयान देश के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके कई नुकसान हैं। पूरी दुनिया को पता चल जाता है कि भारत के प्रधानमंत्री कितने कम पढ़े-लिखे हैं और उन्हें विज्ञान की बुनियादी जानकारी तक नहीं है। दूसरे देशों के राष्ट्र अध्यक्ष जब पीएम गले मिलते हैं तो एक-एक झप्पी की भारी कीमत लेकर चले जाते हैं। बदले में न जाने कितने कागजों पर साइन करवा लेते हैं क्योंकि प्रधानमंत्री तो समझ नहीं पाते क्योंकि वह कम पढ़े-लिखे हैं।