न्यूज डेस्क
भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए लोग तरह तरह के तरीके अपनाते है। लेकिन ये कितने नुकसानदायक हो सकते है शायद इस बात से लोग बेखबर रहते है। इसी तरह रोजाना एसी में आठ से दस घंटे बिताने वाले लोग इस आर्टिफिशियल हवा से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं देखी जाती हैं। आइये जानते है उनके बिमारियों के बारे में-
मोटापा और थकान
दरअसल ठंडी स्थानों पर ज्यादा समय बिताने पर हमारे शरीर की ऊर्जा खर्च नहीं हो पाती है, जिससे शरीर की चर्बी बढ़ती है और इससे मोटापा बढ़ता है। वहीं एसी कमरे के तापमान को कम कर देता है ऐसे में मनुष्य के शरीर को तापमान बनाए रखने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। इसी वजह से मनुष्य का शरीर जल्दी थक जाता है।
सिरदर्द और दिमाग पर बुरा असर
एसी में ज्यादा समय बिताने से व्यक्ति के शरीर में ब्लड सर्कुलेशन गड़बड़ हो जाता है। इसकी वजह से उसे मसल्स में खिंचाव महसूस होने लगता है और उसे सिरदर्द की समस्या होने लगती है। यही नहीं इसके अलावा ज्यादा देर बैठने से ब्रेन सेल्स सिकुड़ने लगते हैं। जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। इसकी वजह से मस्तिष्क की क्षमता और क्रियाशीलता प्रभावित होती है और व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं।
साइनस के साथ सर्दी-जुकाम
अचानक तापमान में बदलने के कारण सांस संबंधी कई रोगों के लक्षण हो सकते है। अधिक समय बिताने से व्यक्ति के म्यूकस ग्लैंड हार्ड हो जाते हैं। शोधकर्ताओं की मानें तो जो लोग रोजाना चार घंटे से अधिक समय के लिए एसी में रहते हैं, उन्हें साइनस का खतरा बना रहता है। वहीं, एसी का फिल्टर अधिक समय तक साफ न होने पर उससे निकलने वाली हवा में धूल और बैक्टीरिया के कण मौजूद रहने लगते हैं। जो सर्दी-जुकाम और एलर्जी का कारण बनते हैं।
आर्थराइटिस के साथ ही ड्राई स्किन
सबसे ज्यादा एसी की ठंडी हवा का बुरा असर जोड़ों पर पड़ता है। इसकी वजह से गर्दन, हाथ, घुटनों में दर्द और अकड़न महसूस हो सकती है। जो भविष्य में आर्थराइटिस का रूप भी ले सकता है। इसके साथ ही ज्यादा देर बैठने की वजह से त्वचा की नेचुरल नमी कम होने लगती है। जिसकी वजह से व्यक्ति की त्वचा में रूखापन और खुजली होने लगती है।