जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। कर्नाटक से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। दरअसल मुडा स्कैम में फंसे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें तब बढ़ गई जब कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुडा स्कैम में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है।
वही कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल हाई कोर्ट ने MUDA लैंड स्कैम में सिद्धारमैया की याचिका खारिज करते हुए राज्यपाल के आदेश को बरकरार रखा है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ जांच एजेंसी ईडी ने MUDA स्कैम मामले में FIR दर्ज करने के बाद हलचल तेज हो गई है। वही सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती ने मुडा को एक पत्र लिखकर आवंटित 14 प्लॉट वापस लौटाने की बात कही है।
अपने पत्र में क्या लिखा है
उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि , मैं मैसूर में मुडा साजिश से जुड़े आरोपों से बहुत आहत हूं। मेरे भाई बाबू को पारिवारिक विरासत के रूप में मिले भूखंडों ने इतना हंगामा खड़ा कर देंगे,ये मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस मुद्दे के कारण मेरे पति पर गलत आरोप लग सकते हैं।
मेरे लिए, कोई भी घर, प्लॉट या संपत्ति मेरे पति के सम्मान, गरिमा और मन की शांति से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद, मैंने कभी-भी अपने या अपने परिवार के लिए कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहा. मेरे लिए इन कथानकों का कोई मतलब नहीं है। इसलिए मैंने इस विवाद का केंद्र बने 14 भूखंडों को वापस करने का फैसला किया है। ‘
मुझे इस मामले पर अपने पति की राय के बारे में पता नहीं है, न ही मुझे इसकी चिंता है कि मेरा बेटा या परिवार के अन्य सदस्य क्या सोचते हैं। मैंने इस मामले पर किसी के साथ चर्चा नहीं की है। यह फैसला मैंने सोच समझ कर और अपनी अंतरात्मा की आवाज के बाद लिया है।
क्या है पूरा मामला
2021 में, MUDA ने विकास के लिए केसर गांव में उनकी 3 एकड़ की जमीन का अधिग्रहण की थी। बाद में मैसूर के एक रिच शहर विजयनगर में उनकी जमीनों को फिर से आवंटित किया गया।
आलोचकों का दावा है कि आवंटित जमीनों का बाजार मूल्य उनकी जमीन की कीमत से काफी ज्यादा थी। कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने सिद्धारमैया के खिलाफ एक निजी आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर MUDA भूमि को पारिवारिक संपत्ति के रूप में दावा करने को लेकर डॉक्यूमेंट्स में जालसाजी का आरोप लगाया गया है। इस शिकायत की जांच के लिए अभी राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत है। हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने इन आरोपों का खंडन किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।