लखनऊ. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने वित्त वर्ष 2023 में आय और शुद्ध लाभ में जबरदस्त बढ़त दर्ज की है। सिडबी के आय में 102 फीसदी तो शुद्ध लाभ में 71 फीसदी की वृद्धवि दर्ज की गयी है।
सिडबी के लखनऊ स्थित प्रधान कार्यलय में हुयी 25वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गयी।
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सिवसुब्रमणियन रमण ने एजीएस को संबोधित करते हुए बताया कि संस्था ने बकाया संविभाग, आय, शुद्ध लाभ और तुलनपत्र का अब तक का अधिकतम आकार हासिल किया है। सिडबी ने एसेट के मामले में 4 लाख करोड़ रुपये के मुकाम को भी पार कर लिया। सिडबी का संवितरण वित्तवर्ष 2022 में 1,43,758 करोड़ रुपये से 93 फीसदी बढ़कर वित्तवर्ष 2023 में 2,76,755 करोड़ रुपये हो गया।
सिडबी के ‘ऋण और अग्रिम’ वित्तवर्ष 2022 के 2,02,252 करोड़ रुपये से 76 फीसदी बढ़कर वित्तवर्ष 2023 में 3,56,439 करोड़ रुपये हो गये।
बैंक का आस्ति-आधार 2,47,379 करोड़ रुपये से 63 फीसदी बढ़कर 4,02,383 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023 में, बैंक ने 18,485 करोड़ रुपये की आय और 3,344 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित करते हुए इनमें गत वर्ष की तुलना में क्रमश: 102 फीसदी और 71 फीसदी की वृद्धि दर्ज़ की।
वित्तवर्ष 2023 में प्रति शेयर अर्जन (ईपीएस) 58.81 रुपये रहा। 31 मार्च, 2023 तक सकल और निवल एनपीए अनुपात में और भी कमी आयी और वे क्रमशः 0.01 फीसदी और 0.00 फीसदी रहे । वार्षिक आम बैठक ने वित्तवर्ष 2023 के लिए 20 फीसदी के लाभांश के भुगतान को मंजूरी दी।
रमण ने कहा कि बैंक की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष वित्तीय गतिविधियों से एमएसएमई क्षेत्र को अपेक्षाकृत कम लागत वाले ऋण -प्रवाह में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
पिछले 2 वर्षों में सिडबी के कामकाज में में एमएसएमई क्षेत्र के कुल ऋण का हिस्सा 7 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी हो गया है और वित्तीय सेवाएं विभाग, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से अगले 2 वर्षों में इसे 25 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य है।