- कुम्भ के 49 दिनों में रेलवे के दावे और कैग के दावे में खड़े किए बड़े सवाल
- CAG को मिल रहा है 40 लाख यात्रियों का गैप
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। पिछले साल आयोजित हुए कुंभ मेला को लेकर कैग ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया। कैग रिपोर्ट की माने तो कुंभ मेला 2019 के दौरान 73.41 लाख यात्रियों ने बाहरी यात्रा की लेकिन 31.21 लाख केवल टिकट बिके हैं। अगर गौर किया जाये तो इसका अंतर 40 लाख आ रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि 40 लाख यात्रियों का ब्यौरा कहा गया।
रेलवे ने कुम्भ मेले के लिए स्पेशल ट्रेन चलायी थी। ऐसे में 40 लाख का जो अंतर आ रहा है उससे रेलवे पर बड़ा सवाल खड़ा होता दिख रहा है।
यह भी पढ़ें : डीएम बंगले पर पत्नी संग धरने पर क्यों बैठे एसडीएम
यह भी पढ़ें : बॉलीवुड में जो चल रहा है उसकी क्रोनोलॉजी समझ रहे हैं क्या ?
यह भी पढ़ें : उर्दू समेत 14 भाषाओं में देखिये अयोध्या की डिज़िटल रामलीला
15 जनवरी से 4 मार्च के बीच 49 दिनों के लिए-कुंभ मेला के आयोजन किया गया था। उधर मेला की परिणति के बाद रेलवे ने अपने आंतरिक ऑडिट में दावा किया कि कुंभ के दौरान 73.66 लाख यात्रियों ने विशेष और नियमित ट्रेनों में यात्रा की।
हालांकि, रेलवे ने 2019 के अगस्त महीने में अपने दूसरे ऑडिट में दावा किया कि 73.41 लाख यात्रियों ने इलाहाबाद से वापसी की यात्रा का विकल्प चुना। लेकिन, जब सीएजी ने वाणिज्यिक विभाग के रिकॉर्ड का ऑडिट किया, तो केवल मेला अवधि के दौरान इलाहाबाद क्षेत्र (एनसीआर, एनआर और एनईआर क्षेत्रों के स्टेशन) से 31.21 लाख टिकट बेचे गए।
कैग ने रेलवे के लंबे दावों पर जोर दिया और कहा कि भले ही इसे स्वीकार कर लिया जाए, तर्क के लिए, कि टिकटों की बिक्री का आंकड़ा कुल यात्रियों का नहीं हो सकता है क्योंकि अन्य स्टेशनों से टिकटों की बिक्री भी होगी जो इलाहाबाद से बाहरी यात्रा और टिकट यात्रा के लिए है। मेला अवधि के दौरान, 40 लाख से अधिक यात्रियों का अंतर समझाना मुश्किल है।