जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। शरद पवार के हाथ से अब एनसीपी निकल गई है क्योंकि चुनाव आयोग ने ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पवार के लिए ये एक बड़ा झटका है।
इतना ही नहीं पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह अजित पवार को सौंप दिया गया है। इस तरह से अजित पवार को जहां एक ओर बड़ी राहती मिली है तो अब शरद पवार के लिए आने वाले दिनों में मुश्किल बढऩे वाली है।
वहीं चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनावों के मद्देनजर शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है।
चुनाव आयोग ने कहा कि विवादित आंतरिक संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर ‘विधायी बहुमत के परीक्षण’ ने अजित पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न हासिल करने में मदद की।
अब ये देखना होगा कि चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद शरद पवार अगल कदम क्या उठाते हैं। बता दें कि पिछले साल ही अजित पवार ने अचाकन से पाला बदल लिया था और शरद पवार का साथ छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे।2 जुलाई 2023 को एनसीपी में विभाजन हो गया था। अजित पवार अपने खेमे के विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बनाए गए।
इसके बाद पार्टी पर कब्जा करने की जंग चली और करीब छह महीने से ज्यादा का वक्त तक ये सुनवाई चली और दस से ज्यादा सुनवाई के बाद चुनाव आयोग का फैसला आया है और इस फैसला से शरद पवार को बड़ा झटका लगा है। अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। पार्टी का सिंबल घड़ी अजित पवार के पास रहेगा।