जुबिली न्यूज डेस्क
केंद्रीय जांच एजेंसी(सीबीई) को दिल्ली की एक कोर्ट से झटका लगा है। अदालत ने सीबीआई द्वारा मानवाधिकार कार्यकर्ता और एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया बोर्ड के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) को वापस लेने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आकार पटेल को अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति भी दी है।
आकार पटेल को राहत देते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने सीबीआई से इस मामले में 30 अप्रैल तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
सीबीआई ने आकार पटेल के खिलाफ विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के कथित उल्लंघन के एक मामले में लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था।
वहीं सीबीआई ने कहा था कि वो आरोपित को गिरफ्तार करने की बात नहीं कर रहे बल्कि उन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति ना देने की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल कोर्ट ने सीबीआई द्वारा जारी लुकआउट नोटिस को वापस लेने का आदेश दिया है और साथ ही सीबीआई निदेशक को पटेल से लिखित रूप से माफी मांगने का भी आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि इससे प्रमुख संस्थान के प्रति जनता में विश्वास बने रहने में मदद मिलेगी।
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को आर्थिक नुकसान के अलावा मानसिक प्रताडऩा का भी सामना करना पड़ा है, क्योंकि वह निर्धारित समय पर अपनी यात्रा पूरी नहीं कर सके।
इसको लेकर आकार पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा यात्रा से रोके जाने से याचिकाकर्ता को उड़ान की टिकटों के 3.8 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
मालूम हो कि बुधवार को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आकार पटेल अमेरिका जाने वाले थे लेकिन उन्हें इमीग्रेशन अधिकारियों द्वारा एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया।
इसको लेकर उनसे कहा गया कि उनके खिलाफ 2019 में एमनेस्टी इंडिया के खिलाफ एक मामले के संबंध में एक लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
बताते चलें कि आकार पटेल गुजरात दंगों को लेकर ‘राइट्स एंड रॉन्ग्स’ नाम की एक रिपोर्ट के सह-लेखक हैं। उन्होंने अपनी किताब ‘Price of the Modi Years’ भी लिखी है।
इसके अलावा आकार पटेल ने 2016 के नोटबंदी और कोरोना महामारी के दौरान देशभर में लगाये गये लॉकडाउन के फैसले पर कहा था कि सरकार के यह दोनों ही फैसले कैबिनेट के सहयोगियों से विचार विमर्श किये बिना ही लिए गये थे।