मणिपुर का विधानसभा का कंपोजिशन इस प्रकार है. राज्य में कुल विधानसभा सदस्यों की संख्या 60 है. एनडीए के कुल विधायकों की संख्या 53 है. इनमें बीजेपी के विधायकों की संख्या 37 है, जबकि एनपीएफ के 5, जेडयू के एक और निर्दलीय तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है…एनपीपी के 7 विधायक हैं. हालांकि एनपीपी के समर्थन वापसी से वीरेन सिंह सरकार को खतरा नहीं है…
जुबिली स्पेशल डेस्क
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कोनराड संंगमा की नेशनल पीपुल्स पाटी ने बड़ा कदम उठाते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला लिया है।
इसको लेकर उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापस लेने की घोषणा की है। इस पूरे मामले पर कोनराड संंगमा मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार राज्य की मौजूदा स्थिति से निपटने में नाकाम रही हैं। इस लिए वह तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
पत्र में क्या है लिखा
नेशनल पीपुल्स पार्टी ने अपने पत्र में कहा है कि वह राज्य की मौजूदा स्थिति कानून-व्यवस्था पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना चाहते हैं।
पिछले कुछ दिनों में हमने राज्य की स्थिति को और खराब होते हुए देखा है, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान चली गई. और राज्य में लोग बड़ी पीड़ा से गुजर रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा, ‘हम दृढ़ता से महसूस किया है कि सीएम बीरेन के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार राज्य में पैदा हुए संकट का समाधान करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने फैसला किया है कि वह मणिपुर में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस ले रही है। ‘.