सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। बुआ -बबुआ की दोस्ती अब खटायी में पड़ गई है। लोकसभा चुनाव से पहले मायावती और अखिलेश की दोस्त को लेकर कसीदे पढ़े जा रहे थे लेकिन अब यहीं दोस्ती खत्म होने की कगार पर है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें चुनाव में मुस्लिमों का वोट तो मिला लेकिन यादव का वोट उनकी झोली में नहीं गया। इसके बाद यूपी की सियासत में कयासों का दौर परवान चढऩे लगा है।
उन्होंने इस मौके पर शिवपाल यादव को भी नहीं छोड़ा है। उनके अनुसार शिवपाल यादव ने महागठबंधन को हराने का काम किया है। हालांकि मायावती ने कयासों के बीच मंगलवार को कहा है कि अखिलेश यादव से उनकी दोस्ती जारी रहेगी। उन्हें अपने परिवार का सदस्य समझती है लेकिन कयास साफ लगाये जा रहे कि दोनों के बीच में दरार आ गई है।
सपा-बसपा को लेकर प्रसपा ने क्या कहा- देखें वीडियो
प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता चंद्र प्रकाश राय ने जुबिली पोस्ट से कहा कि कयास नहीं बल्कि दरार आ चुकी है। उन्होंने कहा कि दोनों की राह अलग-अलग है। उन्होंने कहा कि प्रसपा ने चुनाव से पहले कहा था कि मायावती के साथ जाना अखिलेश की बहुत बड़ी भूल है। उन्होंने कहा कि मायावती ने सपा का केवल इस्तेमाल किया है।
उन्होंने सपाईयों से अपने पैर छूआ लिये और मुलायम सिंह से अपनी तारीफ भी करवा ली। चंद्र प्रकाश राय ने कहा कि इस चुनाव में मायावती से से दस पर जा पहुंची जबकि सपा सात से पांच पर आ गई। उनका कहने का मतलब यही था कि मायावती का ये इतिहास रहा है सियासी फायदे के लिए पहले दोस्ती करती है और फिर बाद में उससे किनारा करती है।
चंद्र प्रकाश राय ने कहा कि मायावती शायद अभी गेस्ट हाउस कांड को नहीं भूला पायीं हैं। इसी वजह से वह इस तरह का बर्ताव कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रसपा ने पहले कहा था कि दोनों का गठबंधन केवल चुनाव तक है।
चंद्र प्रकाश राय ने कहा कि प्रसपा का सपा में विलय होगा या नहीं इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया में केवल कयास लगाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार दिन पूर्व मुलायम सिंह से बात हुई थी। उन्होंने कहा कि अभी तक मुलायम सिंह ने विलय को लेकर कुछ भी नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में प्रसपा का क्या रोल होगा कि इसको लेकर बैठक की जा रही है। शिवपाल यादव के नेतृत्व में फैसला लिया जायेगा।