जुबिली न्यूज डेस्क
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने अब एक नया धर्मसंकट पैदा हो गया है। यह संकट पैदा किया है उनके चाचा शिवपाल यादव ने। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया और सपा विधायक शिवपाल यादव ने वैसे तो पहले ही राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मूर्मू के समर्थन का संकेत दे दिया है। लेकिन अब वे समाजवादी पार्टी के यशवंत सिन्हा को समर्थन देने को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को एक चिट्ठी लिखकर यशवंत सिन्हा को समर्थन देने के लिए लानत भेजा है। शिवपाल ने अपनी चिट्ठी सार्वजनिक भी कर दी है।
इस चिट्ठी में उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए लिखा है कि मैं आपका और समाजवादी पार्टी के शुभचिंतकों का ध्यान बेहद गंभीर और संवेदनशील विषय की ओर दिलाना चाहता हूं।
इस चिट्ठी में शिवपाल यादव ने लिखा है कि राष्ट्रपति पद के लिए जिस उम्मीदवार को समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है उसने समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी।
उन्होंने कहा है कि मुलायम सिंह यादव जब रक्षा मंत्री थे तो राष्ट्रपति पद के इस उम्मीदवार ने पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आईएसआई का एजेंट बताकर उनका अपमान किया था। शिवपाल का कहना है कि एक समय था जब समाजवादी नेताजी के अपमान पर आग बबूला हो जाते थे और आज उनके विरासत को संभालने वाले लोग उन्हें अपमानित करने वाले को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन दे रहे हैं।
सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है,जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को 'आईएसआई'का एजेंट बताया था।
पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है।
नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं। pic.twitter.com/IRiw2aNmEs— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) July 16, 2022
प्रसपा मुखिया का कहना है कि इस फैसले की वजह से पूरी पार्टी हंसी का पात्र बन गई है। उन्होंने अखिलेश यादव से अनुरोध किया है कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में इस फैसले पर एक बार फिर से विचार करें। शिवपाल ने इस चिट्ठी में साफ तौर पर एक सपा विधायक के तौर पर अपनी सीमाओं का जिक्र कर खुद को इस मामले से जुदा कर लिया है।
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हाल ही में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में रहने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने अखिलेश के रुखे व्यवहार से नाराज होकर एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मूर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था। ओम प्रकाश राजभर के बाद अब शिवपाल यादव की चिट्ठी ने अखिलेश यादव के लिए सियासी दुविधा खड़ी कर दी है। शिवपाल की चिट्ठी पर अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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