स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की राहे अलग-अलग हो चुकी है। दोनों अब एक दूसरे को देखते तक नहीं है। इतना ही शिवपाल ने समाजवादी पार्टी में जाने से साफ इनकार कर दिया है। दोनों ही नेताओं के बीच में चली आ रही बरसों की रार कम होने का नाम नहीं ले रही है।
दोनों नेताओं के बीच में बोलचाल भी खत्म हो चुकी है लेकिन शिवपाल यादव अपने भाई मुलायम सिंह यादव को अब भी वैसे ही चाहते हैं जैसा की बरसो पहले। इटावा के जसवंतनगर में शनिवार को प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का एक बार फिर मुलायम के प्रति प्रेम साफ देखा जा सकता था।
उन्होंने अपरोक्ष रूप से सपा को अपने रड़ार पर लिया। रामलीला महोत्सव में देश के प्रख्यात काव्य हस्ताक्षरों के साथ एक कार्यक्रम में कहा कि तुम अगर मुझको ना चाहो तो कोई बात नहीं, तुम किसी गैर को चाहोगे तो मुश्किल होगी…!
उन्होंने अपने भाई मुलायम को लेकर एक बार फिर अपना दर्द बया करते हुए कहा कि हमारे नेताजी भाई मुलायम सिंह यादव सात बार विधानसभा, चार दफा संसद पहुंचे। ये सब नेताजी का क्षेत्र की जनता से जुड़ाव व उनकी लगन का सम्मान हैं।