स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव अपनी नई पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए है लेकिन सपा से अलग होने का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं कई बार-बार सपा प्रेम उनकी जु़बा पर आ चुका है।
हाल के दिनों में अक्सर ये खबर आती रही है शिवपाल यादव दोबारा सपा में वापसी कर सकते हैं लेकिन यह केवल अफवाह साबित हुई है। मुलायम के जन्म दिन पर लगा था कि शायद अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की दूरियां कम हो जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
यह भी पढ़ें : कांव-कांव से गांव-गांव तक नहीं पहुंचेंगे आन्दोलन
दोनों के बीच संवाद काफी समय से बंद है। इतना ही नहीं दोनों की राह भी अलग हो चुकी है। भले ही शिवपाल यादव सपा को लेकर बयान देते हो लेकिन सपा इस पर कुछ नहीं कहती है।
शिवपाल यादव ने अभी कुछ दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती पर कहा था कि मौजूदा समय में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा था कि हम समाजवादियों को जोड़ रहे थे और अगर सब एक होते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता।
इतना ही नहीं इससे पहले उन्होंने मुलायम को लेकर भावुक भरा बयान दिया था लेकिन इस बार उन्होंने सपा के अध्यक्ष को लेकर बड़ा बयान दिया है और बेहद भावुक होकर कहा कि हम उस समय भी देख रहे थे, जब मैं शीशे की तरह साफ था, सब लोग मुझे बार-बार देख रहे थे, जब हम शीशे की तरह टूट रहे थे तब लोग बच-बच कर निकल रहे थे। इसके बाद शिवपाल ने कहा कि तुम अगर मुझको ना चाहो तो कोई बात नहीं, तुम अगर गैर को चाहोगे तो मुश्किल होगी।
यह भी पढ़ें : झारखंड : हेमंत सोरेन की ताजपोशी, तीन और मंत्रियों ने भी ली शपथ
यह भी पढ़ें : ‘गला दबाने’ से ‘गले पर हाथ’ लगाने तक बार-बार पलटी प्रियंका
सवाल यह है कि आखिर क्यों कि शिवपाल यादव इस तरह की बाते करते हैं। दूसरी ओर शिवपाल यादव की इस तरह की बातों पर सपा की कोई प्रतिक्रिया नहीं आती है। जानकारों की मानें तो शिवपाल यादव और अखिलेश यादव अगर फिर एक साथ आते हैं तो यूपी में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। अब देखना होगा शिवपाल की ओर से बार-बार दोस्ती के हाथ बढ़ाने पर अखिलेश यादव अपना बड़ा दिल दिखाते हैं या नहीं।