स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सपा लोकसभा चुनाव की हार को भुलकर उपचुनाव की तैयारी में लगी हुई है लेकिन उसके लिए एक बुरी खबर आ रही है। दरअसल शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी- लोहिया (प्रसपा) भी उपचुनाव में अपना भाग्य अजमाने का फैसला किया है।
रोचक बात यह है कि इससे पहले उसने उपचुनाव लडऩे से किनारा किया था लेकिन अब वह नये जोश के साथ उपचुनाव में अपनी दावेदारी पेश करती नजर आयेगी। शिवपाल के इस कदम से उनकी पार्टी में खुशी की लहर है लेकिन अन्य दलों के लिए खासकर सपा के लिए खतरे की घंटी है।
भले ही लोकसभा चुनाव में एक भी सीट शिवपाल यादव की पार्टी नहीं जीत सकी हो लेकिन उसने सपा-बसपा का वोट काटने का काम किया था। इसका पूरा फायदा बीजेपी को मिला था।
शिवपाल सिंह यादव ने उपचुनाव के लिए यूपी के विभन्न क्षेत्रों के लोगों को पार्टी से जोडऩे के लिए जमीनी स्तर पर काम करने का ऐलान किया है। इस दौरान सदस्यता अभियान भी जोरों शोरों से चलाने की तैयार है।
शिवपाल के उपचुनाव को लडऩे से बड़ा नुकसान अखिलेश को हो सकता है। उपचुनाव में सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों के लिए सपा-बसपा के आलावा बीजेपी मैदान में है।