स्पेशल डेस्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद सपा में घमासान देखने को मिल रहा है। आलम तो यह है कि अब मुलायम खुद अब सपा के फैसला लेने को तैयार है। सपा को 2014 की तरह इस बार उसे केवल पांच सीटों से संतोष करना पड़ा है।
पौने दो साल से पार्टी साइड लाइन किये गए मुलायम सिंह यादव एकाएक फिर सक्रिय हो गए है। मुलायम चाहते हैं कि सपा का कुनबा फिर एक हो। इसके लिए उन्होंने अभी से मेहनत शुरू कर दी है। इसके लिए मुलायम अखिलेश यादव से मिल रहे हैं और बैठकों का दौर भी जारी है।
ये भी पढ़े: पशुपालन विभाग: भर्ती घोटाले में नपे डायरेक्टर समेत 6 अफसर
इतना ही नहीं मुलायम अपने बेटे के साथ रेवती रमन सिंह, भगवती सिंह, ओम प्रकाश सिंह, मनोज पांडे, अरविंद सिंह गोप, नारद राय और राधेश्याम सिंह के साथ भी बैठक करने की तैयारी में है। मुलायम इस हार से काफी निराश लग रहे हैं और दोबारा से पार्टी को जिंदा करने के लिए नई रणनीति बना रहे हैं।
सपा की सियासी जमीन पूरी तरह से खिसक चुकी है और मुलायम चाहते हैं कि पुराने सपाई नेताओं को फिर से जोड़ा जाये। इसके लिए उन्होंने अखिलेश से भी बात की है। मुलायम का इशारा अपने भाई शिवपाल यादव को लेकर भी है।
ये भी पढ़े: सुषमा के नक्शे कदम पर आगे बढ़ने लगे ‘जयशंकर’
शिवपाल यादव नई पार्टी बना चुके हैं और उनका सियासी सफर इस लोकसभा चुनाव में कमजोर साबित हुआ है। मुलायम की कोशिश है कि सारे झगड़े को खत्म किया जाये और दोबारा से ऐसे नेताओं की वापसी हो जो किसी जमाने में सपा के लिए अहम साबित होते थे।
ये भी पढ़े: नहीं भूलती जाड़े की वह रात
प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता चंद्र प्रकाश राय ने जुबिली पोस्ट को बताया कि अगर सपा से किसी तरह का ऑफर मिलता है तो उनकी पार्टी इस पर विचार करे सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि सपा उनकी पार्टी है और सबने मिलकर इसको बनाया है। सीपी राय ने कहा कि सपा की सारी कमजोरी से वाकिफ है और अगर भविष्य में अखिलेश के द्वारा वापसी का ऑफर दिया जाता है तो इसपर जरूर विचार होगा। उन्होंने साफ कर दिया है कि आत्मसम्मान, स्वाभिमान व सम्मान मिला तो निश्चित तौर पर हम विचार करेंगे।