स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच रार अब भी हो लेकिन चाचा और भतीजे किसी जमाने में एक थे और राजनीति की पिच पर चौके-छक्के लगा रहे थे। वक्त और हालात की वजह से दोनों की राह अलग हो गई।
आलम तो यह है कि शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाकर अखिलेश के परेशानी खड़ी कर दी। दोनों नेताओं कई सालों से बोलचाल बंद हो गई है। मुलामय बार-बार शिवपाल और अखिलेश को एक साथ लाने की कोशिशों में लगे हुए है लेकिन कामयाब नहीं हो सके हैं।
हालांकि हाल के दिनों में दोनों के एक होने के आसार नजर आ रहे हैं लेकिन अभी तक दोनों नेताओं के बीच कोई ठोस संवाद कायम नहीं हो सका है। शिवपाल ने एक निजी कार्यक्रम में अखिलेश को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने मैनपुरी में अपने भतीजे अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि कहा कि हमने उन्हें नेता माना, सीएम माना लेकिन कुछ षड्यंत्रकारी (साजिशकर्ता) सफल हो गए, जिसका खामियाजा समाजवादी पार्टी का उठाना पड़ा।शिवपाल यादव ने कहा कि उनके मन में अभी भी पूरी गुंजाइश बची है। शिवपाल का यह बयान तब आया है जब सपा ने उनकी वापसी से इंकार नहीं किया है और कुछ शर्तों के साथ पार्टी में लौटने की नसीहत दी है।
उधर इसी कार्यक्रम में शिवपाल सिंह यादव ने मुलायम को लेकर कहा नेताजी के साथ बैठ जाएं तो तीसरे किसी की जरूरत नहीं होगी। रामगोविंद चौधरी को लेकर शिवपाल कहना था कि उनकी कोई हैसियत नहीं है और वह बीमार हैं। अब देखना होगा कि शिवपाल यादव का ये दर्द अखिलेश समझते या नहीं।