जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं लेकिन सूबे का सियासी पारा अभी से बढ़ने लगा है। जैसे-जैसे सियासी पारा बढ़ रही है वैसे-वैसे शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघलती जा रही है।
2017 विधानसभा चुनाव के समय दोनों के बीच आईं दूरियां कम होने लगी हैं। शिवपाल ने कई मंचों से अपने और अखिलेश के रिश्ते के बेहतर होने के संकेत दिए हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा )के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव के लिए उनकी पार्टी और सपा के बीच गठबंधन होगा, दोनों पार्टी मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने साफ किया कि प्रसपा का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होने जा रहा है।
शुक्रवार को गोंडा जिले के आरपीएस इंटर कालेज रामदेव नगर इटियाथोक में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शिवपाल ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों और उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की वजह से प्रदेश से बीजेपी की सरकार को प्रसपा हटाना चाह रही है।
इसके पूर्व शिवपाल सिंह यादव ने मीना शाह इंस्टिट्यूट पहुंचकर स्व मीना शाह बाबा की मजार पर खिराज-ए-अकीदत पेश कर अपनी संवेदना प्रकट की। उन्होंने मीना शाह इंस्टीटयूट के सीईओ शईद मीनाई से भी मुलाकात की। मीना शाह से प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का काफिला इटियाथोक के रामदेव प्रसाद स्मारक इंटर कॉलेज पहुंचा जहां पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का जोरदार स्वागत किया।
ये भी पढ़े: योगी सरकार का राज्य कर्मचारियों को दिवाली तोहफा
ये भी पढ़े: यूपी में फिर कोरोना का कहर, 28 की मौत और इतने मामले
शिवपाल ने अपने संबोधन में कहा कि देश और प्रदेश की स्थिति से आप सभी परिचित हैं। सरकार की नीतियों से सब लोग दुःखी हैं। सरकार का हर फैसला न देशहित में है और न जनता के हित के लिए है। उन्होंने कहा आज का किसान आत्महत्या कर रहा है क्योंकि महंगाई तो बढ़ रही है लेकिन किसान द्वारा पैदा की गई फसल के दामों में अभी तक कोई भी बढ़ोतरी सरकार नहीं कर पाई है।
सरकार ने देश में सबसे पहले पहले नोटबंदी लाकर सबको तोड़ दिया। इसके बाद कोरोना जैसी वैश्विक महामारी आ जाने से सब लोग टूट चुके चाहे वह किसान हो या छोटा बड़ा व्यापारी। देश में बेरोजगारी की दर भी बढ़ चुकी है।
ये भी पढ़े: ट्रम्प ने हारकर भी व्हाइट हाउस न छोड़ा तो …
ये भी पढ़े: तो क्या होगा पटाखा उद्योग का हाल
योगी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए है इस सरकार में थानों में तहरीर देने और मुकदमा पंजीकृत करने के लिए अलग-अलग रकम की डिमांड होती है। पूर्व में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो अधिकारी जनता का काम करते थे।
बीजेपी सरकार की गलत नीतियों से सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा बैठी इसलिए प्रसपा ने तय किया है कि उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को हटाने के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लडेंगे। किसान, बेरोजगार और जनता के हित को लेकर उत्तर प्रदेश में सपा और प्रसपा की सरकार बनेगी।